Delhi Pollution: किन कारणों से बढ़ा दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण का स्तर? जानिए पॉल्यूशन को कम करने के लिए क्या फैसले लिए गए?
दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को ‘सीवियर’ एयर क्वलिटी श्रेणी में जाने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 को लागू कर दिया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) शनिवार को 397 और रविवार को 352 दर्ज हुआ।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ने के बाद इसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 को लागू कर दिया है। इससे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन के कार्य पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली में दिवाली के बाद से ही लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। सीपीसीबी के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में दिल्ली का एक्यूआई शुक्रवार को 357, शनिवार को 397 और रविवार को 352 दर्ज हुआ। इसके अलावा एनसीआर के अन्य शहरों जैसे गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी पॉल्यूशन लेवल काफी ज्यादा दर्ज हुआ। जिसके बाद शनिवार को CAQM के डायरेक्टर आर के गुप्ता ने ग्रेप के स्टेज-3 को लागू करने के निर्देश दिए हैं। सीएक्यूएम की शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई गई थी। प्रदूषण कम करने के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने और ग्रेप के तहत प्रतिबंधित कार्यों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत पर बल दिया गया था। इसके बाद सीएक्यूएम ने शनिवार को दिल्ली एनसीआर में खराब श्रेणी तक प्रदूषण के दर्ज होने के बाद ग्रेप के तीसरे चरण को लागू करने के निर्देश दे दिए हैं।
सीएक्यूएम ने ये दिए हैं निर्देश – दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। – सड़कों की साफ-सफाई मशीनों के जरिए की जाएगी। सड़कों पर पीक आवर में ट्रैफिक शुरू होने से पहले पानी का छिड़काव किया जाएगा। हैवी ट्रैफिक कॉरिडोर व प्रदूषण के हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं। – सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। पीक आवर में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं के अलग-अलग रेटों को शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। – औद्योगिक इलाकों में पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर पर ना चलने वाली इंडस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। – ईंट के भट्ठों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। फ्यूल पर न चलने वाले हॉट मिक्स प्लांट भी बंद रहेंगे। – स्टोन क्रशर के संचालन को बंद करने के निर्देश दिए हैं। – माइनिंग की गतिविधियों पर एनसीआर में बंद करने समेत इस पर प्रतिबंध के निर्देश दिए गए हैं। – सीएक्यूएम के अनुसार एनसीआर की राज्य सरकारें व दिल्ली सरकार चाहें तो बीएस 3 पेट्रोल व बीएस 6 डीजल से वाले फोर व्हीलर पर अपने प्रतिबंध लगा सकते हैं।
इन प्रोजेक्ट के निर्माण में रहेगी छूट – रेलवे सेवाएं व रेलवे स्टेशन – मेट्रो रेल सर्विस, स्टेशन – एयरपोर्ट, इंटर स्टेट बस टर्मिनल -नेशनल सिक्योरिटी, डिफेंस से जुड़ी गतिविधियां, राष्ट्रीय महत्व से जुड़े प्रोजेक्ट -अस्पताल, स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा -हाइवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइप लाइन – साफ-सफाई से जुड़े प्रोजेक्ट जैसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट
दिवाली से लेकर अभी तक कितना दर्ज हुआ प्रदूषण का स्तर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) में दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर के कई प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में बहुत खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। 24 अक्टूबर के दिन दिवाली थी। दिल्ली का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 259, 24 अक्टूबर को 312, 25 अक्टूबर को 302, 26 अक्टूबर को 271, 27 अक्टूबर को 354, 28 अक्टूबर को 357, 29 अक्टूबर को 397 और रविवार यानी 30 अक्टूबर को 352 दर्ज हुआ। इसके अलावा गाजियाबाद का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 270, 24 अक्टूबर को 300, 25 अक्टूबर को 266, 26 अक्टूबर को 273, 27 अक्टूबर को 373 , 28 अक्टूबर को 384, 29 अक्टूबर को 367 और 30 अक्टूबर को 344 दर्ज हुआ। गुरुग्राम का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 251, 24 अक्टूबर को 322, 25 अक्टूबर को 292, 26 अक्टूबर को 244, 27 अक्टूबर को 362 , 28 अक्टूबर को 333, 29 अक्टूबर को 375 और 30 अक्टूबर को 327 दर्ज हुआ। वहीं, फरीदाबाद का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 200, 24 अक्टूबर को 254, 25 अक्टूबर को 289, 26 अक्टूबर को 246, 27 अक्टूबर को 315 , 28 अक्टूबर को 346, 29 अक्टूबर को 400 और 30 अक्टूबर को 383 दर्ज हुआ। नोएडा का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 236, 24 अक्टूबर को 305, 25 अक्टूबर को 299, 26 अक्टूबर को 262, 27 अक्टूबर को 354 , 28 अक्टूबर को 371, 29 अक्टूबर को 381 और 30 अक्टूबर को 321 दर्ज हुआ। वहीं, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 23 अक्टूबर को 202, 24 अक्टूबर को 274, 25 अक्टूबर को 272, 26 अक्टूबर को 243, 27 अक्टूबर को 368 , 28 अक्टूबर को 364, 29 अक्टूबर को 385 और 30 अक्टूबर को 342 दर्ज हुआ।
पराली जलाने की वजह से बढ़ा प्रदूषण, 1600 आग जलाने की घटनाएं हुईं दर्ज पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग रिसर्च) के डायरेक्टर प्रो डॉ गुफरान बेग ने बताया है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह पंजाब व उत्तर प्रदेश में पराली के जलाने की घटनाओं के कारण हुई है। मौजूदा परिस्थिति के तहत पंजाब की दिशा से दिल्ली-एनसीआर की तरफ पराली को जलाने के बाद प्रदूषित हवाओं ने दस्तक दी है। उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाने के कारण प्रदूषित हवा दिल्ली-एनसीआर में पहुंची हैं। अभी दिल्ली में पराली जलाने की घटनाओं का शेयर 21 फीसदी तक है। अगले दो दिनों में यह बढ़कर 30 से 40 फीसदी तक जाने की आशंका है। प्रोजेक्ट सफर की सेटेलाइट डाटा के अनुसार शनिवार तक 1600 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुईं हैं। वहीं, रविवार को 1300 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुईं। इसके अलावा पराली जलाने की घटनाओं का शेयर 26 फीसदी तक दर्ज हुआ।
2 नवंबर को बदलेगी हवा की दिशा, प्रदूषण के कम होने की उम्मीद प्रो डॉ गुफरान बेग ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं व दिल्ली और आसपास के इलाकों में तेज गति से हवा न चल पाने के कारणों से अगले दो दिनों में एक्यूआई 420 से 470 तक जाने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर में तापमान भी कम दर्ज हो रहा है। तेज हवा के न चलने के प्रभाव से प्रदूषण की स्थिति स्थिर बनी हुई है। 2 नवंबर से दिल्ली व आसपास के इलाकों में मौसम के बदले मिजाज के कारण हवा चलने की उम्मीद है। जिसके बाद प्रदूषण के स्तर में गिरावट होने की संभावना है।
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