दोनों समूहों में घट गया वायरस का स्तर शोध के दौरान एचआइवी पॉजिटिव दाता समूह के 13 और दूसरे समूह के चार रोगियों में वायरस का स्तर बढ़ा। इनमें से ज्यादातर ने नियमित रूप से एचआइवी की दवाएं नहीं ली थीं। सभी मामलों में वायरस का स्तर कुछ समय बाद घट गया। शोध के सह-लेखक डॉ. डोरी सेगव का कहना है कि इससे ट्रांसप्लांट की सुरक्षा और शानदार परिणामों की पुष्टि होती है।
जल्द अंग मिलने की संभावना बढ़ेगी इंडियाना यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र की प्रोफेसर कैरी फूट ने कहा कि एचआइवी संक्रमित लोगों को अंग दान करने से हतोत्साहित किया जाता है। शोध के नतीजों से अंग जल्द मिलने की संभावना बढ़ेगी। फूट खुद एचआइवी पॉजिटिव और पंजीकृत अंगदाता हैं। उन्होंने कहा, हम न सिर्फ एचआइवी लोगों की मदद कर सकते हैं, बल्कि पूरे अंग पूल में और ज्यादा अंग उपलब्ध करवा सकते हैं।