बैठक में, विदेश मंत्री जयशंकर ने 8-प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि रूस- यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से ऊर्जा, खाद्य और वस्तुओं की लागत में तेज वृद्धि हुई है। विकासशील देशों के लिए इसे कम किया जाना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता चीन के स्टेट काउंसलर एवं विदेश मंत्री वांग यी ने की। आइए जानते हैं इस वर्चुअली आयोजित बैठक में भारतीय विदेश मंत्री ने किन 8 महत्वपूर्ण बिंदूओं पर अपनी बात रखी।
1. इस बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि हमें न केवल कोरोना महामारी से सामाजिक-आर्थिक सुधार की तलाश करनी चाहिए, बल्कि लचीला और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भी बनानी चाहिए।
2. यूक्रेन युद्ध के असर से ऊर्जा, भोजन और वस्तुओं की लागत में तेज वृद्धि हुई है। विकासशील दुनिया की खातिर इसे कम किया जाना चाहिए।
2. यूक्रेन युद्ध के असर से ऊर्जा, भोजन और वस्तुओं की लागत में तेज वृद्धि हुई है। विकासशील दुनिया की खातिर इसे कम किया जाना चाहिए।
3. ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान की पुष्टि की है। हमें इन वादों पर खरा उतरना चाहिए।
4. ब्रिक्स को सर्वसम्मति से और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करना चाहिए।
5. हमें मिलकर जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के लिए विकसित देशों द्वारा संसाधनों की विश्वसनीय प्रतिबद्धता पर जोर देना चाहिए।
6. ब्रिक्स को आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस प्रदर्शित करना चाहिए।
4. ब्रिक्स को सर्वसम्मति से और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करना चाहिए।
5. हमें मिलकर जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के लिए विकसित देशों द्वारा संसाधनों की विश्वसनीय प्रतिबद्धता पर जोर देना चाहिए।
6. ब्रिक्स को आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस प्रदर्शित करना चाहिए।
7. एक वैश्वीकृत और डिजीटल दुनिया विश्वास और पारदर्शिता को उचित सम्मान देगी।
8. सतत विकास लक्ष्यों को व्यापक तरीके से प्राप्त किया जाना चाहिए।
इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने उभरते बाजारों और विकासशील देशों के साथ ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की वार्ता में भाग लिया। यहां उठाए गए 4 प्रमुख बिंदु पर बात हुई।
1. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को वास्तविक परिवर्तन देखना चाहिए, न कि केवल नई शब्दावली। एक पुनर्संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व को सुधारित बहुपक्षवाद की ओर ले जाना चाहिए।
2. सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए। हमें वित्तपोषण सहित सभी समर्थनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
3. यूक्रेन संघर्ष के बाद आई कोविड महामारी विकासशील देशों में भारी सामाजिक-आर्थिक कठिनाइयों का कारण बन रही है। हमें लचीला और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला, आर्थिक विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है।
4. वैश्विक सुधार को खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को आगे बढ़ाना चाहिए और स्वास्थ्य, डिजिटल और हरित विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
8. सतत विकास लक्ष्यों को व्यापक तरीके से प्राप्त किया जाना चाहिए।
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1. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को वास्तविक परिवर्तन देखना चाहिए, न कि केवल नई शब्दावली। एक पुनर्संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व को सुधारित बहुपक्षवाद की ओर ले जाना चाहिए।
2. सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए। हमें वित्तपोषण सहित सभी समर्थनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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