नई दिल्ली

ISRO के EOS-01 मिशन से जुड़ीं 7 महत्वपूर्ण बातें

इसरो ने शनिवार दोपहर एसडीएससी से EOS-01 मिशन लॉन्च किया।
अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-01 को PSLV-C49 पर लॉन्च किया गया था।
इस मिशन के अंतर्गत नौ विदेशी उपग्रहों को भी छोड़ा गया है।

नई दिल्लीNov 07, 2020 / 06:59 pm

अमित कुमार बाजपेयी

ISRO EOS-01 Mission launched: 7 important points to know

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) EOS-01 मिशन का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों से इसरो की इस उपलब्धि की सराहना की। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से यह लॉन्चिंग शनिवार दोपहर 3:02 बजे होनी थी लेकिन खराब मौसम के कारण 10 मिनट की देरी हुई।
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जानिए इसरो के नवीनतम अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी पूरी जानकारीः

1. इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार EOS-01 कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता जैसे उद्देश्यों के लिए एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
2. सैटेलाइट को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) -C49 से लॉन्च किया गया था। शनिवार का प्रक्षेपण PSLV के 51वें मिशन का प्रतिनिधित्व करता है। यह SDSC से किया गया 76वां मिशन लॉन्च भी है।
https://twitter.com/isro/status/1324999896479363072?ref_src=twsrc%5Etfw
3. इस मिशन में EOS-01 समेत कुल 10 सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए हैं। जबकि मिशन का एकमात्र भारतीय और प्राथमिक उपग्रह EOS-01 है और अन्य नौ विदेशी सैटेलाइट्स हैं। इनमें चार अमरीका और चार लग्जमबर्ग से और एक लिथुआनिया से है।
4. ‘कस्टमर’ सैटेलाइट्स कहे जाने वाले नौ विदेशी उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया गया है। यह इसरो की वाणिज्यिक कड़ी है और अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत आती है।
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5. यह लगभग एक साल में इसरो का पहला और देश भर में बीते मार्च से कोविड-19 लॉकडाउन लागू होने के बाद किसी भी तरह का पहला लॉन्च है। 11 दिसंबर 2019 को अंतरिक्ष एजेंसी ने RISAT2-BR1 लॉन्च किया था, जो EOS-01 के समान एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है।
6. इसके बाद 17 जनवरी 2020 को एक दूरसंचार उपग्रह GSAT-30 को अंतरिक्ष में भेजा गया। यह लॉन्च हालांकि फ्रेंच गुयाना के एक बेस से किया गया था।

7. मौजूदा महामारी को देखते हुए इसरो ने लॉन्च के दौरान सख्त मानदंडों का पालन किया था। जबकि मीडिया को SDSC में जुटने की अनुमति नहीं थी और लॉन्चिंग गैलरी को भी बंद रखा गया था।

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