रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच Infosys में हिस्सेदारी की वजह से अक्षता मूर्ति और उनके पति चर्चा में हैं। यूकेन पर हमले की वजह से रूस पर प्रतिबंध लगाने वालों में ब्रिटेन भी शामिल है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने यूके की सभी कंपनियों को रूस में किसी भी निवेश के बारे में बहुत सावधानी से सोचने के लिए एक निर्देश जारी किया था।
अब उन्हें इस बात पर विपक्षियों द्वारा घेरा जा रहा है कि उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की हिस्सेदारी वाली भारतीय कंपनी Infosys ने रूस में अपना परिचालन जारी रखा है और इस परिचालन से अक्षता को भी पैसा प्राप्त हो रहा है। इसका फायदा कहीं न कहीं सुनक को भी हो रहा है और अक्षता इस कमाई पर ब्रिटेन में टैक्स नहीं दे रही हैं।
तो वहीं, ब्रिटेन के मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री पद पर जगह बनाने वाले और दिग्गज आईटी कंपनी Infosys के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक अपनी संपत्ति को लेकर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। The Guardian ने हाल ही में ये दावा किया है कि सुनक की पत्नी के पास ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा संपत्ति है। आपत्ति इस बात को लेकर है कि ऋषि सुनक ने मंत्री बनते वक्त ये जानकारी सरकार को नहीं दी थी।
दरअसल, ब्रिटेन में हर मंत्री को वे तमाम वित्तीय हित घोषित करना जरूरी होता है, जिनसे कर्तव्य निभाने के दौरान हितों का टकराव हो सकता हो। सुनक ने पिछले महीने रजिस्टर को दी जानकारी में अक्षता के अलावा किसी का जिक्र नहीं किया है। हालांकि जांच में ये पाया गया कि उन्होंने सिर्फ छोटी कंपनी कैटामारान वेंचर्स यूके लि. में अपनी पत्नी अक्षता का मालिकाना हक बताया है।
आपक बता दें, मूर्ति की बेटी अक्षता की इन्फोसिस में 0.91% हिस्सेदारी है। जिसकी कीमत करीब 430 मिलियन पौंड यानी 4,300 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उन्हें करीब 1.15 करोड़ पाउंड का सालाना डिविडेंड भी मिलता है। पारिवारिक कंपनियों में हिस्सेदारी के चलते अक्षता ब्रिटेन की अमीर महिलाओं में शुमार हैं।
अक्षता मूर्ति के पिता, 75 वर्षीय एनआर नारायण मूर्ति, ने 1981 में तकनीकी दिग्गज इंफोसिस की सह-स्थापना की थी। नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से ₹ 10,000 ($ 130) उधार लेकर यह कंपनी बनाई थी जो अब लगभग 100 बिलियन डॉलर की कंपनी है और वॉल स्ट्रीट पर लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी है।
ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की मुलाकात अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी, जब अक्षता एमबीए कर रही थीं। सुनक एक फुलब्राइट स्कोलर थे, जिनके पास पहले से ही ऑक्सफोर्ड की प्रथम श्रेणी की डिग्री थी। साल 2009 में अक्षता मुर्ति की शादी सुनक के साथ हुई थी। शादी अपेक्षाकृत मामूली थी, लेकिन रिसेप्शन में राजनेताओं, उद्योगपतियों और क्रिकेटरों सहित लगभग 1,000 मेहमानों ने भाग लिया था।
ऋषि सुनक का कहना है कि उनका इन्फोसिस से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं अक्षता मूर्ति का कहना है कि उनके पास ब्रिटेन की नागरिकता नहीं है, वह भारत की नागरिक हैं। भारत में नियम है कि अगर किसी के पास भारत की नागरिकता है तो वह दूसरे देश की नागरिकता नहीं रख सकता, यानी एक व्यक्ति के पास या तो भारत की नागरिकता होगी या किसी अन्य देश की।
ऐसे में अक्षता मूर्ति के पास ब्रिटेन में ‘नॉन-डोम’ स्टेटस है। यह उस व्यक्ति पर लागू होता है, जो ब्रिटेन के अलावा किसी दूसरे देश में पैदा हुआ है और ब्रिटेन में अपना ज्यादातर वक्त बिताता है लेकिन फिर भी उसका स्थाई निवास दूसरा देश है। इसका सीधा मतलब है कि अक्षता को ब्रिटेन से बाहर होने वाली कमाई या गेन्स पर ब्रिटेन में टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
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आपको बता दें, ‘नॉन-डोम’ स्टेटस बरकरार रखने के लिए 30,000 पाउंड सालाना का शुल्क देना होता है। अक्षता मूर्ति के एक प्रवक्ता ने कहा है कि वह ब्रिटेन में कानूनी रूप से सभी जरूरी कर का भुगतान करती हैं और करती रहेंगी।बात करें अक्षता के पत ऋषि सुनक की तो वो 2015 में पहली बार सांसद चुने गए। 2018 में स्थानीय सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। उनके पास 200 मिलियन पौंड यानी करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वे ब्रिटेन में वित्त मंत्री होने के अलावा वहां के सबसे अमीर सांसद भी हैं।
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