कनाडा में अनीता आनंद को पहली हिंदू कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। उन्हें रक्षा मंत्री का पद दिया गया है। वह कनाडा की पहली हिंदू और देश की दूसरी महिला रक्षा मंत्री हैं। वह भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हरजीत सिंह सज्जन की जगह लेंगी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नए मंत्रिमंडल का ऐलान कर दिया है। इसमें अनीता आनंद को रक्षा मंत्री का पद दिया गया है। वह यह पद पाने वाली पहली हिंदू हैं और दूसरी महिला सदस्य हैं। अनीता से पहले कनाडा की एकमात्र महिला रक्षा मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री किम कैंपबेल थीं, जिन्होंने 1993 में 4 जनवरी से 25 जून तक छह महीने के लिए यह पद संभाला था।
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वहीं, सज्जन को अब अंतरराष्ट्रीय मामलों का मंत्री बनाया गया है. उनके अलावा एक अन्य भारतीय-कनाडाई महिला कमल खेड़ा, जो ब्रैम्पटन वेस्ट से 32 वर्षीय सांसद हैं, ने भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए मंत्री के रूप में शपथ ली, जिससे ट्रूडो कैबिनेट में भारतीय-कनाडाई महिला मंत्रियों की संख्या तीन हो गई है। यह भी पढ़ें
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कनाडा की विविधता, समावेशन और युवा मंत्रालय संभालने वाली मौजूदा भारतीय-कनाडाई महिला मंत्री बर्दिश चागर को हटा दिया गया है। नए मंत्रिमंडल में छह महिला मंत्रियों में दो भारतीय-कनाडाई महिलाएं शामिल हैं। ट्रूडो ने कनाडाई सेना में यौन दुराचार के आरोपों को दूर करने में विफल रहने के लिए हरजीत सज्जन को डाउनग्रेड कर दिया और अनीता आनंद और कमल खेड़ा को महामारी के दौरान उनके काम के लिए सम्मानित किया। अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में भारतीय मूल के माता-पिता के घर हुआ था, जो दोनों चिकित्सा पेशेवर थे। उनकी मां सरोज डी. राम पंजाब से और पिता एस. वी. आनंद तमिलनाडु से संबंध रखते हैं। अनीता टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं। उन्हें 2019 में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी।
अनीता ने व्यापक शोध के साथ एयर इंडिया जांच आयोग की सहायता की। आयोग ने 23 जून 1985 को एयर इंडिया कनिष्क उड़ान 182 की बमबारी की जांच की थी, जिसमें सभी 329 लोग मारे गए थे। मॉन्ट्रियल-दिल्ली की उड़ान में जो बम फटा था, उसे एक साल पहले 1984 में स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई का बदला लेने के लिए वैंकूवर स्थित खालिस्तानियों द्वारा लगाया गया था।