नई दिल्ली

रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी, बिना पायलट के उड़ने वाले विमान का भारत ने किया सफल परीक्षण

DRDO ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया।

नई दिल्लीJul 01, 2022 / 05:59 pm

Archana Keshri

रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी, बिना पायलट के उड़ने वाले विमान का भारत ने किया सफल परीक्षण

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) मानवरहित एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान का परीक्षण शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में हुआ। DRDO को अत्याधुनिक मानव रहित विमान के विकास में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) की इस पहली उड़ान का परीक्षण सफल रहा।
बता दें, DRDO के अंतर्गत बेंगलुरु स्थित रिसर्च लैब एयरोनाटिकल डेवलपमेंट एस्टैबलिशमेंट (ADE) ने इसकी डिजायनिंग की है और इसे बनाया है। वहीं एयरक्राफ्ट के लिए इस्तेमाल हुआ एयरफ्रेम, एवियोनिक सिस्टम व अन्य चीजों का निर्माण देश में ही किया गया है। बिना पायलट के उड़ने वाले इस विमान ने परीक्षण के दौरान उड़ने से लेकर उतरने तक का सारा काम खुद अंजाम दिया। DRDO ने कहा कि एयरक्राफ्ट की उड़ान काफी अच्छी रही।
https://twitter.com/ANI/status/1542776913067790336?ref_src=twsrc%5Etfw
DRDO ने इसे एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि ये डेमोंस्ट्रेटर पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड पर उड़ा, टेक ऑफ फ्लाइट और टचडाउन सभी स्तरों पर यह बिल्कुल सटीक साबित हुआ। यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण तकनीक को हासिल करने के मामले में एक मील का पत्थर साबित होगी।

यह भी पढ़ें

बिहार स्वास्थ्य विभाग में 11 सिविल सर्जन व 323 डॉक्टरों का तबादला, तत्‍काल ज्‍वानिंग के आदेश

वहीं DRDO की इस कामयाबी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “इस ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान पर बधाई। यह ऑटोनोमस विमान तैयार करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। इससे अहम सैन्य प्रणालियों के निर्माण के मामले में आत्मनिर्भर भारत अभियान आगे बढ़ेगा।”
https://twitter.com/hashtag/DRDOUpdates?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
बात करें इस मानवरहित एयरक्राफ्ट की तो यह विमान काफी छोटा है, इसमें टर्बोफैन इंजन लगा है। इसमें लगे एयरफ्रेम और यहां तक कि निचला ढांचा, पहिए, फ्लाइट कंट्रोल और वैमानिकी सिस्टम भारत में ही तैयार किए गए हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण से जुड़ी टीमों के प्रयासों की सराहना की। DRDO के अनुसार इस तरह की सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

यह भी पढ़ें

Bihar: सबूत के तौर पर बरामद बम को पटना कोर्ट में किया जा रहा था पेश, हो गया ब्लास्ट

Hindi News / New Delhi / रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी, बिना पायलट के उड़ने वाले विमान का भारत ने किया सफल परीक्षण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.