दरअसल, शहरों की तरह गांवों में पानी, बिजली, सडक़, सीवरेज, बैंक, एटीएम, खेल स्टेडियम समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की विकास की दरकार रही है। इसके लिए सरकार की महत्वकांक्षी एसजीवाइ के शुरुआती दौर में सांसदों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। दूसरे कार्यकाल में अधिकांश सांसदों ने औपचारिकता के लिए संबंधित जिला प्रशासन को गोद लेने वाले गांवों की सूची देकर इतिश्री कर ली। यही वजह है कि चरण दर चरण वीडीपी अपलोड कराने की संख्या भी घटती चली गई। योजना के तहत विलेज डवलपमेंट प्रोग्राम (वीडीपी) तैयार कर इसके तहत विकास करवाया जाता है।
प्राथमिकता देने के लिए 26 योजनाओं में संशोधन
एसजीवाइ को प्राथमिकता देने के लिए भारत सरकार ने 17 मंत्रालयों की 26 योजनाओं में संशोधन किए।एक नजर में एसजीवाइ की स्थिति
– कुल ग्राम पंचायतें: 3407 -वीडीपी बनाकर एसजीवाइ की साइट पर अपलोड करने वाली पंचायतें: 3112 -कुल परियोजनाओं की वीडीपी: 262186 -पूर्ण परियोजनाएं: 229242
बजट सत्र में उठाया था बजट का मुद्दा
चुरू से सांसद राहुल कस्वां ने 29 जुलाई को इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जब योजना लागू हुई तो खुशी हुई। 20-22 करोड़ रुपए का एक पंचायत का डेवलपेंट प्लान का बना, लेकिन सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए फंडिंग का प्रावधान आज तक नहीं किया गया। वर्ष 2024-25 के बजट में भी कोई प्रावधान नहीं है। अगर वीडीपी को देखें तो 25 करोड़ रुपए की लागत के काम 25 साल में पूरा होगा। उन्होंने इस योजना में अलग से बजट प्रावधान की मांग की।पहले चरण में वीडीपी अधिक बनाई, आठवें में आधी रह गई
एसजीवाइ के तहत सांसदों की रूचि कम होने का पता वीडीपी बनाने से पता लग रहा है। यह काम पहले चरण में अधिक हुआ। पहले चरण में मध्यप्रदेश ने 37, राजस्थान ने 34 और छत्तीसगढ़ ने 16 ग्राम पंचायतों की वीडीपी बनाकर एसजीवाइ की वेबसाइट पर अपलोड की गई। वहीं आठवें चरण में तीनों ही राज्यों में वीडीपी बनाने का काम आधा ही रह गया। राजस्थान में 17, मध्यप्रदेश में 9 और छत्तीसगढ़ में सिर्फ 6 ग्राम पंचायतों की वीडीपी बनाई गई।इन बातों का है लक्ष्य
-अच्छी सडक़ें, सफाई और सीवर व्यवस्था -पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए पार्क विकसित करना -बच्चों के लिए स्मार्ट स्कूल, खेल मैदान-अच्छी स्वास्थ्य सेवा
-लिंगानुपात को संतुलित करना
-ई-लाइब्रेरी, ग्राम लाइब्रेरी
-बैंक, एटीएम
-आर्थिक व सामाजिक विकास
एसजीवाइ में टॉप दस राज्य
राज्य चिन्हित | ग्राम पंचायतें |
यूपी | 552 |
तमिलानाडु | 370 |
महाराष्ट्र | 260 |
गुजरात | 238 |
आंध्र प्रदेश | 207 |
बिहार | 198 |
राजस्थान | 190 |
केरल | 167 |
मध्यप्रदेश | 140 |
कर्नाटक | 133 |