नई दिल्ली

सांसद ने दिखाई रुचि तो हुआ काम वरना कागजों में ही सिमटा प्लान

-देशभर में 3407 गांव लिए गए गोद

-दस साल में 3112 ग्राम पंचायतों में 2.29 लाख परियोजनाएं पूरी करने का दावा

-सांसदों ने कई बार संसद में उठाई बजट का प्रावधान करने की मांग

नई दिल्लीOct 15, 2024 / 04:48 pm

Shadab Ahmed

नई दिल्ली. केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद गांवों के सुनियोजित विकास के लिए 2014 में आदर्श सांसद ग्राम योजना (एसजीवाइ) लागू की गई। पहले दौर में इसको लेकर काफी हो-हल्ला भी मचा, लेकिन मोदी सरकार-3 में इसको लेकर फिलहाल कोई हलचल नहीं है। कई सांसद बजट का प्रावधान नहीं होने के चलते इस योजना की सफलता को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि इस योजना से गांवों की तस्वीर बदल गई है।
दरअसल, शहरों की तरह गांवों में पानी, बिजली, सडक़, सीवरेज, बैंक, एटीएम, खेल स्टेडियम समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की विकास की दरकार रही है। इसके लिए सरकार की महत्वकांक्षी एसजीवाइ के शुरुआती दौर में सांसदों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। दूसरे कार्यकाल में अधिकांश सांसदों ने औपचारिकता के लिए संबंधित जिला प्रशासन को गोद लेने वाले गांवों की सूची देकर इतिश्री कर ली। यही वजह है कि चरण दर चरण वीडीपी अपलोड कराने की संख्या भी घटती चली गई। योजना के तहत विलेज डवलपमेंट प्रोग्राम (वीडीपी) तैयार कर इसके तहत विकास करवाया जाता है।

प्राथमिकता देने के लिए 26 योजनाओं में संशोधन

एसजीवाइ को प्राथमिकता देने के लिए भारत सरकार ने 17 मंत्रालयों की 26 योजनाओं में संशोधन किए।

एक नजर में एसजीवाइ की स्थिति

– कुल ग्राम पंचायतें: 3407
-वीडीपी बनाकर एसजीवाइ की साइट पर अपलोड करने वाली पंचायतें: 3112

-कुल परियोजनाओं की वीडीपी: 262186

-पूर्ण परियोजनाएं: 229242

बजट सत्र में उठाया था बजट का मुद्दा

चुरू से सांसद राहुल कस्वां ने 29 जुलाई को इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जब योजना लागू हुई तो खुशी हुई। 20-22 करोड़ रुपए का एक पंचायत का डेवलपेंट प्लान का बना, लेकिन सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए फंडिंग का प्रावधान आज तक नहीं किया गया। वर्ष 2024-25 के बजट में भी कोई प्रावधान नहीं है। अगर वीडीपी को देखें तो 25 करोड़ रुपए की लागत के काम 25 साल में पूरा होगा। उन्होंने इस योजना में अलग से बजट प्रावधान की मांग की।

पहले चरण में वीडीपी अधिक बनाई, आठवें में आधी रह गई

एसजीवाइ के तहत सांसदों की रूचि कम होने का पता वीडीपी बनाने से पता लग रहा है। यह काम पहले चरण में अधिक हुआ। पहले चरण में मध्यप्रदेश ने 37, राजस्थान ने 34 और छत्तीसगढ़ ने 16 ग्राम पंचायतों की वीडीपी बनाकर एसजीवाइ की वेबसाइट पर अपलोड की गई। वहीं आठवें चरण में तीनों ही राज्यों में वीडीपी बनाने का काम आधा ही रह गया। राजस्थान में 17, मध्यप्रदेश में 9 और छत्तीसगढ़ में सिर्फ 6 ग्राम पंचायतों की वीडीपी बनाई गई।

इन बातों का है लक्ष्य

-अच्छी सडक़ें, सफाई और सीवर व्यवस्था

-पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए पार्क विकसित करना

-बच्चों के लिए स्मार्ट स्कूल, खेल मैदान
-अच्छी स्वास्थ्य सेवा
-लिंगानुपात को संतुलित करना
-ई-लाइब्रेरी, ग्राम लाइब्रेरी
-बैंक, एटीएम
-आर्थिक व सामाजिक विकास

एसजीवाइ में टॉप दस राज्य

राज्य चिन्हितग्राम पंचायतें
यूपी552
तमिलानाडु 370
महाराष्ट्र260
गुजरात238
आंध्र प्रदेश207
बिहार198
राजस्थान 190
केरल 167
मध्यप्रदेश 140
कर्नाटक133

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