उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘मुझे व्यक्तिगत रूप से पीड़ा है कि मुख्य विपक्षी दल ने सभापति के खिलाफ एक अभियान चला रखा है। उन्हें मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन वे संवैधानिक प्रावधानों से विचलित हो रहे हैं। सार्वजनिक डोमेन में जो कुछ भी चलाया जा रहा है मैंने उसका अध्ययन कर लिया है। हम संविधान का पालन क्यों नहीं कर सकते? आपने एक नोटिस दिया, जिसे हमने प्राप्त किया, आपने अपने प्रेस सम्मेलन में पूछा कि नोटिस का क्या हुआ? यह इंगित करते हुए कि सभापति नोटिस पर बैठे हुए हैं।’ आप एक प्रस्ताव लाइए, यह आपका अधिकार है, इस प्रस्ताव पर चर्चा करना आपका अधिकार है, लेकिन आपने क्या किया? आपने संविधान का उल्लंघन किया। किसने आपके प्रस्ताव को रोका? आपके यहां से एक बयान जारी किया गया कि हमारे प्रस्ताव पर क्या हुआ? कानून को पढि़ए, आपका प्रस्ताव आ गया है, 14 दिन के बाद आएगा। आपने एक अभियान शुरू कर दिया है।’
किसान पुत्र होने और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने की बात करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘24 घंटे यह आपका काम है और यह स्वीकार करें कि मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं कमजोरी नहीं दिखाऊंगा। मैं देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा… आप लोग नहीं सोचेंगे, 24 घंटे में केवल एक काम है, किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है? मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं और पीड़ा महसूस कर रहा हूं।