हाल ही में नूपुर शर्मा के चर्चित केस में भी मोहम्मद जुबैर का नाम सामने आया था। मोहम्मद जुबैर ने नूपुर शर्मा की उस क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी थी। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जुबैर द्वारा शेयर किए गए वीडियो के बाद से ही उन्हें हत्या और बलात्कार की धमकियां मिलने लगी थी।
यहां तक की नूपुर शर्मा के मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में भी मोहम्मद जुबैर का हाथ बातया जा रहा है। जुबैर को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने ही नूपुर के विवादित बयान को अरबी भाषा में ट्रांस्लेट कर अरब देशों तक पहुंचाया था, जिसके बाद यह मामला दुनिया भर में छा गया। नूपुर शर्मा के विरोध में देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई तो कई इस्लामिक देशों ने भी नाराजगी जाहिर की। वहीं नूपुर शर्मा ने ट्विटर के जरिए दिल्ली पुलिस से भी जुबैर की शिकायत की थी।
नूपुर शर्मा ने मोहम्मद जुबेर पर आरोप लगाया था कि जिस वीडियो को मोहम्मद जुबैर ने शेयर किया था, उसको काफी ज्यादा एडिट किया गया और उनके खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाई गई। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ उनकी धार्मिक किताब के एक अंश को पढ़ा था। मोहम्मद ज़ुबैर ने नूपुर शर्मा के एक बयान का मुद्दा बनाकर दुनियाभर में ईशनिंदा का हंगामा मचा दिया था। जबकि, बहस के उस वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि, नूपुर शर्मा पलटवार कर रही हैं।
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यानी की टीवी पर बहस के दौरान जब बार-बार मुस्लिम पैनेलिस्ट द्वारा शिवलिंग को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की जा रही थी, तब अपने आराध्य का अपमान होते देख नूपुर शर्मा ने जवाब देते हुए कहा था, “यदि आप ऐसा कहेंगे तो हम भी पैगम्बर पर ‘ऐसा’ कह सकते हैं।” मगर शिवलिंग के अपमान का मामला पूरी तरह दब गया और पैगम्बर विवाद पर दुनियाभर के मुस्लिमों को भड़का दिया गया। नूपुर शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर जुबैर पर यह भी आरोप लगा दिया यदि उन्हें या उनके परिवार या मेरे रिश्तेदार को कोई भी हानि पहुंचती है या कुछ भी होता है तो मोहम्मद जुबैर ही इसके जिम्मेदार होंगे। वहीं अब मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से लोगों को यहीं लग रहा है कि उन्हें नूपुर शर्मा के बयान को इतनी जोर-शोर से पेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है लेकिन ऐसा नहीं है। पुलिस ने उन्हें 2018 के एक मामले में गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से विवादित तस्वीर पोस्ट की थी। जुबैर का यह ट्वीट साल 2018 का था। उनके ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके फॉलोअर्स व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।
इस महीने की शुरुआत में जुबैर के खिलाफ IPC की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दिल्ली पुलिस का कहना कि जुबैर के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि मोहम्मद जुबैर के द्वारा शेयर की गईं ये तस्वीरें और शब्द काफी भड़काऊ हैं, जिन्हें जान बूझकर शेयर किया गया था। जो लोगों के बीच नफरत को भड़काने के लिए पर्याप्त हैं और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
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