1. उदयपुर
यदि आपको शाही अंदाज में होली मनाना पसंद है, तो आप उदयपुर की शानोशौकत वाली होली देखने जरूर जाएँ। होली वाले दिन उदयपुर में शाही महल से मानेक चौक तक निकलने वाले जुलूस में राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं की झलकती दिखाई देती है। जुलूस में सजे-धजे हाथी-घोड़ों के साथ बजने वाले राजस्थानी लोकगीतों का अपने ही मज़ा होता है। इस भव्य होली को मनाने के बाद कोई इस आनंद को भूल नहीं सकता।
2. पश्चिम बंगाल
बसंतोत्सव के रूप में पश्चिम बंगाल में होली का त्योहार एक सांस्कृतिक ढंग से मनाया जाता है। बंगाल की संस्कृति में रंगोंत्सव का एक विशेष महत्व है। यहाँ मनाई जाने वाली होली नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के समय से ही देशभर में मशहूर है। पश्चिम बंगाल में ये त्योहार विश्व भारती विश्वविद्यालय में मनाया जाता है। इस विश्वविद्यालय के छात्र आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। यहाँ मौजूद सभी लोग आपस में रंग तथा गुलाल उड़ाते हुए खेलते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल पश्चिम बंगाल में होली कार्यक्रम की शुरुआत 20 मार्च से होगी।
3. कर्नाटक
कहा जाता है कि अगर आपको वाकई में होली का मज़ा लेना है, तो एक बार कर्नाटक जरूर जाएँ। संस्कृति से सराबोर यहाँ की होली मनाने के बाद आप बार-बार यहाँ जाना चाहेंगे। कर्नाटक में मनाई जाने वाली हंपी की होली का अनुभव बड़ा ही निराला होता है। होली के अवसर पर हवा में उड़ते रंग-गुलाल के बीच तेज ढोल-नगाड़ों और संगीत की धुनों पर हर कोई मगन नजर आता है।
4. पुष्कर
वैसे तो पुष्कर एक धार्मिक स्थल है। लेकिन होली के दीवानों के लिए बीच ये जगह बड़ी प्रसिद्ध है। राजस्थान के पुष्कर में रंगोंत्सव बेहद अनोखे तरीके से मनाया जाता है। आपको बता दें कि होली के दिन पुष्कर में वराह घाट और ब्रम्ह चौक पर होली की ऐसी छठा बिखरती है कि सभी लोग यहाँ मस्ती में डूब जाते हैं। नाचने-गाने में दिन कैसे निकल जाता है, पता ही नहीं चलता। भारत ही नहीं विदेशों से भी यहाँ होली का मज़ा लेने पर्यटक आते हैं।
5. मथुरा
मथुरा की फूलों की होली भी काफी प्रसिद्ध है। होली के दिन श्री द्वारकाधीश मंदिर में विभिन्न रंग बिरंगे और खुशबूदार फूलों से होली मनाई जाती है। साथ ही मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। यही नहीं, होली के एक दिन बाद शहर के बाहर दाऊजी मंदिर में महिलाएं पुरुषों के कपड़े फाड़ कर उन्हें फटे-पुराने वस्त्रों से पीटती हैं।