मानसून धीरे-धीरे कई राज्यों में अपने पैर पसार रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही भारत के कई राज्यों को बहुत जल्द चिपचिपी गर्मी से राहत मिल सकती है। वहीं IMD के अनुसार, क्षेत्रीय मानसून गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि आने वाले दिनों में पूर्वी राज्यों में भारी बारिश हो सकती है।
IMD का कहना है कि गुजरात के दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है। इसके अलावा अपतटीय ट्रफ रेखा दक्षिण गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है।
वहीं उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से पूर्व पश्चिम ट्रफ रेखा पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा को पार करते हुए पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। IMD के अनुसार, ट्रफ रेखा और देश के पूर्वी हिस्सों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली नम हवाओं के परिणामस्वरूप निम्नलिखित मौसम की स्थिति हो सकती है:
– पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में बुधवार, 29 जून को छिटपुट आंधी के साथ व्यापक बारिश हो सकती है।
– बुधवार 29 जून को ओडिशा में छिटपुट गरज के साथ व्यापक बारिश की आशंका।
– 29 जून से 1 जुलाई के बीच ओडिशा में अलग-अलग जगह, झारखंड में 28-29 जून तक, और गंगीय पश्चिम बंगाल बुधवार, 29 जून को भारी बारिश की आशंका है।
– बिहार में आज बारिश देखने को मिली तो वही बुधवार को भी अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
– वहीं अगले पांच दिनों, शनिवार, 2 जुलाई तक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगह भारी वर्षा, गरज और बिजली गिरने की संभावना है।
– पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में बुधवार, 29 जून को छिटपुट आंधी के साथ व्यापक बारिश हो सकती है।
– बुधवार 29 जून को ओडिशा में छिटपुट गरज के साथ व्यापक बारिश की आशंका।
– 29 जून से 1 जुलाई के बीच ओडिशा में अलग-अलग जगह, झारखंड में 28-29 जून तक, और गंगीय पश्चिम बंगाल बुधवार, 29 जून को भारी बारिश की आशंका है।
– बिहार में आज बारिश देखने को मिली तो वही बुधवार को भी अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
– वहीं अगले पांच दिनों, शनिवार, 2 जुलाई तक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगह भारी वर्षा, गरज और बिजली गिरने की संभावना है।
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इन पूर्वानुमानों को देखते हुए, IMD ने बुधवार, 29 जून को बिहार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, ताकि स्थानीय लोग भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने की समस्याओं से खुद को सुरक्षित रख सकें। मंगलवार से गुरुवार तक बिहार में और बुधवार से गुरुवार तक झारखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है ताकि लोग खराब मौसम के लिए तैयार रह सकें। ओडिशा 1 जुलाई तक और पश्चिम बंगाल में 29 जून तक यलो अलर्ट जारी रहेगा। पिछले 24 घंटों में, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ते दिखाई दिए। लेकिन बारिश के मौसम के बावजूद, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहा।
बताते चलें, खरीफ फसलों की बुवाई की अवधि काफी हद तक भारत में मानसून की बारिश की शुरुआत पर निर्भर करती है, यही कारण है कि मौसमी बारिश का समय पर आगमन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, देश के लगभग सभी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप अब तक पूर्वी भारतीय क्षेत्र में औसत से कम वर्षा हुई है।
1 से 27 जून के बीच, बिहार (94 मिमी), झारखंड (89 मिमी) और ओडिशा (118 मिमी) में कम वर्षा हुई है, जो उनके संबंधित औसत आंकड़ों से 28%, 44% और 35% कम वर्षा दर्ज की गई है। पश्चिम बंगाल की स्थिति थोड़ी बेहतर रही , क्योंकि वहां 247 मिमी की सामान्य बारिश दर्ज की गई, जो इस अवधि के लिए अपने लोंग टर्म एवरेज से केवल 4% कम है।
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