नई दिल्ली। हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा को ताकतवर बनाने वाले साबित होंगे। हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाकर भाजपा ने महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों को लेकर अपने प्रतिद्वंदियों को अपनी तैयारी की तरफ इशारा कर दिया है। यह नतीजे भाजपा को अपनी दिशा और एजेंडे को सेट करने में मदद करेगा। केन्द्र सरकार में भाजपा को अपने सहयोगी दलों से अपना एजेंडे मनवाने में आसानी होगी। उधर, कांग्रेस समेत शिवसेना उद्धव, एनसीपी शरद व जेएमएम के लिए आने वाले दिन चुनौती भरे होंगे। चुनाव की तैयारियों में इंडिया ब्लॉक फिलहाल पिछड़ा हुआ है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों से माना जा रहा था कि भाजपा कमजोर हो गई है। इसका नुकसान हरियाणा के साथ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में होगा। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हरियाणा जीत कर भाजपा ने बता दिया है कि वह बेहद ही सिस्टेमेटिक तरीके से चुनाव लड़ रही है। उसको कमजोर मानने की गलती प्रतिद्वंदियों को भारी पड़ सकती है। हरियाणा में चुनाव से पहले चुनाव प्रभारियों को नियुक्त कर उनसे लगातार फील्ड में काम करवाया गया। इसी तरह झारखंड की जिम्मेदारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा को दी हुई है। इन दोनों नेताओं ने पिछले दिनों दौरे कर भाजपा का एनआरसी, बांगलादेशी घुसपैठियों से आदिवासियों के नुकसान का एजेंडा सेट करना शुरू कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे हो चुके हैं। जबकि चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक की तैयारी अधिक नहीं दिख रही है। इंडिया ब्लॉक का जोर रणनीति बनाने से ज्यादा सीट बंटवारे पर फोकस है। इसके चलते जनता के बीच खुद के एजेंडे को धारदार तरीके से नहीं रख पा रहे हैं।