सबसे कठोर पदार्थ, इसलिए ज्यादा सुरक्षित ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक नील पॉक्स का कहना है कि दुनिया का सबसे कठोर पदार्थ होने के कारण हीरे को बैटरी के लिए सबसे सुरक्षित माना गया। कार्बन-14 प्राकृतिक तरीके से पैदा होता है। इसका इस्तेमाल परमाणु संयंत्रों को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। कार्बन-14 को खुले हाथों से नहीं छुआ जा सकता और न निगला जा सकता है। इसलिए यह जानलेवा साबित नहीं हो सकता।
4.4 प्रकाश वर्ष की दूरी नापेगा यान वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर भविष्य में रेडियोएक्टिव पदार्थ और हीरे की बैटरी से किसी अंतरिक्ष यान को लैस किया जाए तो पृथ्वी के सबसे नजदीकी अल्फा सेंटौरी (विशेष तारा) की 4.4 प्रकाश वर्ष (41.8 ट्रिलियन किमी) की दूरी तय करने में यान को किसी और ऊर्जा स्रोत की जरूरत नहीं होगी। कार्बन-14 से ज्यादा रेडिएशन नहीं होता। यह आसानी से किसी भी ठोस पदार्थ में अवशोषित हो जाता है।