दरअसल, कम्पनी पर साल 2017 में चार महिलाओं ने केस रजिस्टर्ड कराया था, जिसके मुताबिक, उन्हें पुरुषों की तुलना में कम सैलरी दी जा रही थी, जो कैलिफॉर्निया इक्वल पे एक्ट का उल्लंघन था। यही नहीं गूगल के खिलाफ शिकायत में कहा गया था कि महिलाओं को कम सैलरी पैकेज में रखा जाता है, जिसकी वजह से महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम सैलरी और बोनस मिलता है।
इन चार महिलाओं में गूगल की पूर्व कर्मचारी केली एलिस, होली पीज़, केली विसुरी और हेइडी लैमर शामिल हैं। क्लास एक्शन स्टेटस यानी सामूहिक कार्रवाई मिलने के बाद 2013 से गूगल में काम कर रही 15,500 महिला कर्मचरी इस मुकदमे का हिस्सा बन चुकी हैं। पहले गूगल ने इन तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था, मगर अब इस मामले में वह 118 मिलियन डॉलर देने के लिए राजी हो गया है।
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इस पूरे मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि महिलाओं को उनकी देय राशि को 21 जून तक पूरा किया जाए। यह केस पिछले 5 साल से चल रहा है। यह पहली बार नहीं है जब गूगल के खिलाफ इस तरह का केस दर्ज हुआ है। इससे पहले कंपनी पर एक महिला इंजीनियर ने कम सैलरी देने का केस दर्ज कराया था। जिस वजह से तब गूगल को 2.5 मिलियन डॉलर का समझौता करना पड़ा था। यह भी पढ़ें