नेपाल के चार आरोपियों पर फर्जीवाड़े का आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी आरोपी फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के सहारे ताशकंद के रास्ते मॉस्को जाने वाले थे। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (IGI) ऊषा रंगनानी ने बताया कि 30 दिसंबर को इमिग्रेशन स्टाफ की जांच के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। आरोपियों के पास मिले दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि उनके पास नेपाल दूतावास के फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) थे। यह सभी एनओसी 16 नवंबर 2024 से प्रभावी थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 27 साल के राजमणि चौधरी, 43 साल के जयसिंह महतो, 28 साल के अनिल महतो और 28 साल की प्रतिज्ञा के रूप में हुई है।इमिग्रेशन स्टाफ ने दस्तावेजों की जांच में पकड़ा फर्जीवाड़ा
डिप्टी पुलिस कमिश्नर (IGI) ऊषा रंगनानी ने बताया कि इमिग्रेशन स्टाफ को शक होने पर इसकी जांच शुरू की गई। इस दौरान नेपाल दूतावास की जांच में पुष्टि हुई कि ट्रैवल एनओसी प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया। इसमें इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इमिग्रेशन विभाग ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी एनओसी का उपयोग कर डिपार्चर क्लीयरेंस प्राप्त करने में धोखा किया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एजेंट रोहित चौधरी ने उनकी मदद की। यह भी पढ़ें