कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए फेसबुक पोस्ट पर लिखा, “…80, 90 पूरे 100?
प्रधानमंत्री बनने से पहले रूपए की कीमत पर लंबे-लंबे प्रवचन देते थे, लेकिन पीएम बनने के बाद, देश को पाखंड के ‘अमृतकाल’ में धकेल दिया है। इतिहास में पहली बार, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले सबसे कमज़ोर – 80 पार हो चुका है। रूपए की जर्जर हालत और दिशाहीन सरकार के कारनामों का भुगतान आने वाले दिनों में देश की जनता को करना पड़ेगा।”
प्रधानमंत्री बनने से पहले रूपए की कीमत पर लंबे-लंबे प्रवचन देते थे, लेकिन पीएम बनने के बाद, देश को पाखंड के ‘अमृतकाल’ में धकेल दिया है। इतिहास में पहली बार, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले सबसे कमज़ोर – 80 पार हो चुका है। रूपए की जर्जर हालत और दिशाहीन सरकार के कारनामों का भुगतान आने वाले दिनों में देश की जनता को करना पड़ेगा।”
उन्होंने आगे लिखा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘मज़बूत रूपए के लिए एक मज़बूत प्रधानमंत्री की ज़रुरत है’। उस जुमले की हक़ीक़त आज सबके सामने है। मैं भारत सरकार से फिर कह रहा हूं, अभी भी वक़्त है, अपनी कुम्भकर्णीय नींद से जाग जाओ। झूठ और जुमलों की राजनीति बंद करो, और तुरंत आर्थिक नीतियों में सुधार करो। आपकी नाकामियों की सज़ा देश की आम जनता नहीं भुगत सकती।”
दरअसल, 2014 से पहले नरेंद्र मोदी की पार्टी ने रुपए में गिरावट को लेकर यूपीए सरकार की आलोचना की थी। अब कांग्रेस पक्ष ने भाजपा पर पलटवार किया है। इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि, “‘देश निराशा की गर्त में डूबा है’, ये आपके ही शब्द हैं ना, प्रधानमंत्री जी? उस वक़्त आप जितना शोर मचाते थे, आज रूपए की कीमत तेज़ी से गिरती देखकर उतने ही ‘मौन’ हैं।”
बता दें, इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 17 पैसे की मजबूती के साथ 79.82 रुपये पर पहुंच गया। गुरुवार को रुपया गिरकर 80 के पार चला गया था। वहीं साल 2013 में डॉलर के मुकाबले रुपये गिरकर 68 रुपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुकाबले रुपया तभी मजबूत होगा जब देश में मजबूत नेता आएगा। मगर दूसरी तरफ 2018, 2019, 2020 और 2021 में लगातार रुपया कमज़ोर होता चला गया। अब यह कमजोर होकर सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। भाजपा के मुताबिक मजबूत नेता के आ जाने के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपया में मजबूती होनी चाहिए थी, लेकिन यह पहले से ज्यादा मजबूत होने की बजाए कमजोर हो गया।
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