दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में कालबेलियां नृत्य की प्रस्तुति सबसे आकर्षक रही। जोधपुर के सुआ सपेरा और उनके दल की नृत्यांगनाओं ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने शरीर को रबर की गुड़ियां की तरह तोड़ मोड़कर गजब की लचक के साथ ऐसा अनूठा नृत्य प्रस्तुत किया कि दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गए। नृत्यांगनाओं ने मुंह और आंखों की पलकों से अंगूठी उठाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक संध्या के प्रारम्भ में बाड़मेर से आए भुंगर खान एवं उनके दल के सदस्यों ने खड़ताल वादन एवं गायन से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। जबकि गफरूद्दीन मेवाती एवं पार्टी ने भपंग वादन से समा बांधा। दिल्ली की कल्पना चैहान एवं उनकी संगनियों ने घूमर नृत्य किया।
पाली से आई गंगा देवी और पार्टी ने ‘तेरह ताल नृत्य’ और बारां से आए शिवनारायण एवं उनके दल ने ‘चकरी नृत्य’ से सभी का मन हर्षित किया। जयपुर के जीतू भवई के भवई नृत्य और दिल्ली के अनीसुद्दीन और उनके दल ने चरी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। इससे पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में राजस्थान पर्यटक स्वागत केन्द्र की उप निदेशक दीपाली शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर राजस्थान की दिल्ली में संयुक्त आवासीय आयुक्त रिंकू मीना और जनसंपर्क अधिकारी डाॅं. शिवराम मीना, पर्यटक स्वागत केन्द्र के पर्यटन अधिकारी मनोज शर्मा, सहायक निदेशक श्री छत्रपाल यादव सहित अन्य कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम के उद्घोषक अलवर के खेमेन्द्र सिंह थे।