इस बैठक में वाणिज्य, सीमा शुल्क, बैंकिंग, बीमा, ऑटो, पेपर, इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम, केमिकल, ऊर्जा, सौर, रिन्यूवेबल एनर्जी, बिजली, फार्मा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों समेत फिक्की, सीआईआई और एसोचैम के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि बुधवार को सचिव फिर से बैठक आयोजित करेंगे ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय से परामर्श के बाद इसे अंतिम रूप दिया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा, “कोरोना वायरस के कारण मूल्य वृद्धि को लेकर कोई चिंता नहीं है।” हालांकि उन्होंने मेक इन इंडिया अभियान पर कोरोनावायरस के पड़ने वाले प्रभाव पर आगे कहा कि इस पर बात करना जल्दबाजी होगी।
सीतारमण ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स, रसायन और सौर उपकरण जैसे सेक्टर्स को बढ़ती परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि विनिर्माण क्षेत्रों में कच्चा माल अभी भी चीन से आ रहा है और इसमें आवश्यक कागजी कार्रवाई की कमी है।
वहीं, एमएसएमई सेक्टर्स ने बताया कि उन्हें भुगतान पाने में वक्त लग रहा है और बैंकों से गारंटी के बारे में थोड़ा लचीला रुख अपनाने के लिए अनुरोध किया गया है।