नई दिल्ली

बृहस्पति के चांद पर जीवन की तलाश करेंगे तैरने वाले रोबोट

जय विज्ञान : यूरोपा पर भेजे जाएंगे 16.5 इंच और दो किलो के दर्जनों ‘स्विम’

नई दिल्लीNov 23, 2024 / 12:53 am

ANUJ SHARMA

वॉशिंगटन. नासा के वैज्ञानिकों ने खास तरह के रोबोट तैयार किए हैं, जो बृहस्पति के चांद यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे तैरकर जीवन की संभावनाओं का पता लगाएंगे। यूरोपा की सतह के नीचे महासागर के संकेत मिलने के बाद नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) में तीन साल से इन रोबोट पर काम चल रहा था। जेपीएल ने रोबोट के प्रोटोटाइप के टेस्ट का वीडियो शेयर किया है। इसमें उन उपकरणों को भी प्रदर्शित किया गया, जो यूरोपा पर पड़ताल करेंगे।इन रोबोट को ‘सेंसिंग विद इंडिपेंडेंट माइक्रो स्विमर्स’ (स्विम) नाम दिया गया है। इनका पूल में परीक्षण हो चुका है। हरेक रोबोट का आकार 16.5 इंच और वजन दो किलोग्राम होगा। नासा का प्लान दर्जनों रोबोट यूरोपा पर भेजने का है। ये अपने आप पानी में तैर सकेंगे। वहां के महासागर के तापमान और रासायनिक संरचना का पता लगाएंगे। नासा का यूरोपा क्लिपर और यूरोपीय स्पेस एजेंसी का जूस मिशन इस दशक के अंत तक यूरोपा पर पहुंचाने की तैयारियां चल रही हैं।
जीपीएस सिस्टम से की जाएगी निगरानी

इन रोबोट के साथ जीपीएस सिस्टम जुड़ा होगा। इससे उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। इसी से जरूरी संकेत और आंकड़े हासिल होंगे। जेपीएल एक दूसरे तरह के रोबोट पर भी काम कर रहा है। एआइ से लैस यह रोबोट समुद्री जीव ईल जैसा होगा, जो बिजली के झटके देने के लिए मशहूर है। इसे यूरोपा की मोटी सतह के छेदों में घुसने के लिए डिजाइन किया गया है।
आसान नहीं होगा डेटा हासिल करना

नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोपा का डेटा हासिल करना आसान नहीं होगा। पहले महासागर से डेटा सतह पर लाना होगा। बाद में इसे किसी उपग्रह तक और वहां से पृथ्वी पर पहुंचाना होगा। महासागर से सतह तक संकेत पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि प्रक्रिया का नियंत्रण पृथ्वी से नहीं किया जा सकेगा। प्रक्रिया पर दूर से तालमेल कैसे बैठाया जाएगा, नासा के वैज्ञानिकों में इस पर माथापच्ची चल रही है।

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