जीपीएस सिस्टम से की जाएगी निगरानी इन रोबोट के साथ जीपीएस सिस्टम जुड़ा होगा। इससे उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। इसी से जरूरी संकेत और आंकड़े हासिल होंगे। जेपीएल एक दूसरे तरह के रोबोट पर भी काम कर रहा है। एआइ से लैस यह रोबोट समुद्री जीव ईल जैसा होगा, जो बिजली के झटके देने के लिए मशहूर है। इसे यूरोपा की मोटी सतह के छेदों में घुसने के लिए डिजाइन किया गया है।
आसान नहीं होगा डेटा हासिल करना नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोपा का डेटा हासिल करना आसान नहीं होगा। पहले महासागर से डेटा सतह पर लाना होगा। बाद में इसे किसी उपग्रह तक और वहां से पृथ्वी पर पहुंचाना होगा। महासागर से सतह तक संकेत पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि प्रक्रिया का नियंत्रण पृथ्वी से नहीं किया जा सकेगा। प्रक्रिया पर दूर से तालमेल कैसे बैठाया जाएगा, नासा के वैज्ञानिकों में इस पर माथापच्ची चल रही है।