आज राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मारिन ने राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उक्त घोषणा की वो नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि फिनिश संसद आने वाले दिनों में सरकार के इस फैसले पर मुहर लगा देगी। दरअसल, यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के बाद परिस्थितियां बिल्कुल बदल गयी हैं, जिसने फिनलैंड और स्वीडन को उनकी तटस्थ रहने की नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। फिनलैंड ने जहां नाटो की सदस्यता लेने पर फैसला कर लिया है तो वहीं स्वीडन भी फिनलैंड का अनुसरण कर सकता है। दोनों ही देशों की जनता नाटो में शामिल होने के पक्ष में है।
बता दें, रूस किसी भी कीमत पर अपने पड़ोसी देशों को नाटो यानी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन का हिस्सा नहीं बनने देना चाहता है लेकिन नाटो रूस के पड़ोसी देश फिनलैंड और स्वीडन को अपने संगठन का हिस्सा बनाना चाहता है। इसके लिए नाटो उप महासचिव मिर्सिया जियोना की अध्यक्षता में बर्लिन में एक बैठक की गई है जिसमें नाटो के विस्तार पर चर्चा हुई है।
इस चर्चा में नाटो का उद्देश्य उसके मौजूदा 30 सदस्य देशों से आगे विस्तार करना है। फिनलैंड और स्वीडन ने गठबंधन में शामिल होने की दिशा में पहले ही कदम उठाए हैं। वहीं मास्को की चेतावनी के बावजूद जॉर्जिया के नाटो का हिस्सा बनने के प्रयास पर भी चर्चा की गई। दूसरी तरफ तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोआन फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने के खिलाफ हैं।
एर्दोआन का कहना है कि तुर्की, फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने के विचार का समर्थन नहीं करता, क्योंकि उनके मुताबिक ये नॉर्डिक देश कुर्द लड़ाकों का समर्थन करते हैं, जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है। वहीं नाटो को भरोसा है कि वह तुर्की की आपत्तियों को दूर करके फिनलैंड और स्वीडन को जल्द स्वीकार कर सकता है। नाटो के उप-प्रमुख ने रविवार को कहा कि गठबंधन नार्डिक क्षेत्र में ऐतिहासिक विस्तार की तैयारी कर रहा है।
तो वहीं नाटो में शामिल होने को लेकर रूस फिनलैंड को पहले ही आगाह कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड के समकक्ष निनिस्तो से नाटो में नहीं जाने को कहा है। उनका कहना है कि फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला गलत है। फिनलैंड के इस कदम से रूस के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होगा।
बताते चलें कि बर्लिन की बैठक में नाटो ने यूक्रेन को हरसंभव मदद देने की अपनी वचनबद्धता को दोहराया है और कहा है कि यूक्रेन युद्ध जीतने की स्थिति में है। नाटो उप महासचिव मिर्सिया जियोना ने कहा, रूस का क्रूर आक्रमण गति खो रहा है। हम जानते हैं कि यूक्रेन के लोगों और सेना की बहादुरी से और हमारी मदद से यूक्रेन इस युद्ध को जीत सकता है।