अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए राजदूत-एट-लार्ज के रूप में उन्होंने पहले मुस्लिम को नियुक्ति दी है। इस दौरान बाइडन ने कहा, आज के दिन हम उन सभी लोगों को याद करें जो इस दिन को मना नहीं सकते। इस दौरान उनका इशारा उइगर और रोहिंग्या मुसलमानों की ओर था। उन्होंने कहा, “ह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आज दुनिया भर में हम देख रहे हैं कि बहुत से मुसलमान हिंसा का शिकार हो रहे हैं। किसी को भी उसकी धार्मिक आस्थाओं के लिए प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।”
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बाइडन ने कहा, “6 साल में पहली बार यमन के लोगों को शांति से ईद मनाने की अनुमति दी गई है। लेकिन, यहां और पूरी दुनिया में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। मुसलमान अभी भी हमारे समाज में वास्तविक चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहे हैं, जिसमें लक्षित हिंसा और इस्लामोफोबिया भी शामिल है।” उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के पूरे इतिहास में हम एकमात्र राष्ट्र हैं, जो किसी धर्म, नस्ल, जाति, भूगोल के अधार पर नहीं बल्कि, एक विचार के तौर पर संगठित हुए हैं।
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इस कार्यक्रम में प्रथम महिला जिल बाइडन, मस्जिद मोहम्मद के इमाम डॉ. तालिब एम शरीफ और पाकिस्तानी गायिक एवं संगीतकार अरूज आफताब ने भी शिरकत की। इस कार्यक्रम से पहले बाइडन ने ट्वीट कर कहा, “जिल और मैं व्हाइट हाउस में आज रात ईद-उल-फितर का पर्व मनाकर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं और हम दुनिया भर में यह पर्व मनाने वाले सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। ईद मुबारक।”