दिल्ली और गुरुग्राम में मुकदमे के बाद कार्रवाई
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की जांच, धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जा रही है, जो
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लेने के बाद शुरू की गई है। एफआईआर कुछ घर खरीदारों की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिन्होंने इन कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में निवेश किया था।
500 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप
ईडी कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को गलत लाभ पहुंचाने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट धोखाधड़ी, गबन और फंड की हेराफेरी के आरोपों की जांच कर रही है।
सुबह 6 बजे से शुरू की गई कार्रवाई
आरोप है कि कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एकत्र की, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं पर केवल 500 करोड़ रुपये ही खर्च किए, जो बिना मंजूरी के लाइसेंस प्राप्त भूमि के एक हिस्से की ‘धोखाधड़ी’ से बिक्री और आगे के निवेश के लिए धन के “विपथन” के कारण रुकी हुई थीं। यही कारण है कि सुबह 6:00 बजे से ईडी की टीम तमाम दस्तावेजों को खंगालने में जुटी है।