क्या है पूरा मामला 8 अगस्त को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर के पास कुछ संगठनों ने भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान अंग्रेजों के जमाने के कुछ कानूनों का वापस लेने की मांग की गई। जानकारी के मुताबिक इसी दौरान प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने विवादित नारेबाजी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस को सोशल मीडिया से कुछ वीडियो मिले हैं। इन वीडियो के आधार पर नारेबाजी करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस सक्रियता से अपना काम कर रही है। जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।
अश्विनी उपाध्याय ने कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
इस मसले पर सफाई देते हुए अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि वह नहीं जानते प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करने वाले कौंन लोग थे। उन्होंने इस मामले में कमिश्नर को चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि नारे लगाने वालों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूं, न तो इनमें से किसी से मिला हूं और न तो इन्हें बुलाया गया था।
पुलिस के मुताबिक जिस कार्यक्रम के दौरान ये विवादित नारेबाजी की गई है, उसका आयोजन अश्विनी उपाध्याय ने किया था। यही नहीं उन्होंने इस कार्यक्रम के संबंध में ट्वीट भी किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा ‘मुझे विश्वास है कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानूनों को समाप्त कर नया कानून बन जाएंगे।