अगर आंकड़ों की बात करें तो मंगलवार सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सोनिया विहार में एक्यूआई 300 दर्ज किया गया, तो श्रीनिवासपुरी में 265 रहा। इसके साथ ही दिल्ली के 27 निगरानी केंद्रों पर भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
इन इलाकों में हवा बेहद खराब
बता दें कि दिल्ली से सटे इलाकों में हवा बेहद खराब पाई गई। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई 352, तो संजय नगर में 242 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा के सेक्टर 116 में 250 और ग्रेटर नोएडा में भी एक्यूआई 240 दर्ज किया गया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी सरकार और विशेषज्ञों की परेशान बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है अगर अभी ये हाल है तो सर्दी बढ़ने पर दिल्ली की स्थिति क्या होगी।
बता दें कि दिल्ली से सटे इलाकों में हवा बेहद खराब पाई गई। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई 352, तो संजय नगर में 242 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा के सेक्टर 116 में 250 और ग्रेटर नोएडा में भी एक्यूआई 240 दर्ज किया गया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी सरकार और विशेषज्ञों की परेशान बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है अगर अभी ये हाल है तो सर्दी बढ़ने पर दिल्ली की स्थिति क्या होगी।
गौरतलब है कि 1 नवंबर को मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता और खराब रहने का अनुमान जताया था। विभाग का कहना है कि 4 नवंबर तक दिल्ली का AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘खराब’ श्रेणी में रह सकता है। वहीं दिवाली के बाद दिल्ली की हवा में सुधार होगा।
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क्या है प्रदूषण का पैमानाहवा की गुणवत्ता शून्य और 50 के बीच में है तो इसे ‘अच्छा’ माना जाता है, वहीं 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, तो 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
पड़ोसी राज्यों पर लगाया आरोप
दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने से राजधानी की हवा खराब होती है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को मदद भी मुहैया कराई थी, बावजूद इसके पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।
दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने से राजधानी की हवा खराब होती है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को मदद भी मुहैया कराई थी, बावजूद इसके पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।