रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 30 नवम्बर को हुई परिषद की बैठक में वायुसेना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) से 97 हल्के लड़ाकू विमान LCA तेजस एमके-1ए की खरीद को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा एचएएल से सेना व वायुसेना के लिए 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर LCH प्रचण्ड के खरीद प्रस्ताव भी मंजूर किए गए हैं। इनमें से 90 प्रचंड हेलिकॉप्टर Indian Army व 66 IAF के लिए खरीदे जाने हैं। साथ ही एचएएल से स्वदेशी तौर पर सुखोई-30 एमकेआई विमान के उन्नयन के लिए उपकरण खरीद के आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई है।
फील्ड गन की जगह टोव्ड गन
थल सेना के तोपखाना (Artilary) में अब सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) की जगह टोव्ड गन सिस्टम (टीजीएस) लेगा। परिषद की बैठक में टीडीएस के खरीद प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा 155 मिमी आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 मिमी नबलेस प्रोजेक्टाइल को मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्टाइल की मारक क्षमता व सुरक्षा बढ़ाएगा। टी-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (एटीटी) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (डीबीसी) तथा टैंक व बख्तरबंद गाड़ियों पर दुश्मन का वार बेअसर करने के लिए एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद को भी मंजूरी दी गई है।
थल सेना के तोपखाना (Artilary) में अब सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) की जगह टोव्ड गन सिस्टम (टीजीएस) लेगा। परिषद की बैठक में टीडीएस के खरीद प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा 155 मिमी आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 मिमी नबलेस प्रोजेक्टाइल को मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्टाइल की मारक क्षमता व सुरक्षा बढ़ाएगा। टी-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (एटीटी) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (डीबीसी) तथा टैंक व बख्तरबंद गाड़ियों पर दुश्मन का वार बेअसर करने के लिए एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद को भी मंजूरी दी गई है।
मिसाइल बढ़ाएगी नौसेना की ताकत
परिषद ने नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए लड़ाकू पोत के हल्के प्लेटफार्म से सतह पर मार करने वाली मध्यम रेंज की एंटी शिप मिसाइल (एमआरएएसएचएम) की खरीद के जरूरत प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। एमआरएएसएचएम नौसेना के जहाजों पर एक प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा।
परिषद ने नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए लड़ाकू पोत के हल्के प्लेटफार्म से सतह पर मार करने वाली मध्यम रेंज की एंटी शिप मिसाइल (एमआरएएसएचएम) की खरीद के जरूरत प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। एमआरएएसएचएम नौसेना के जहाजों पर एक प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा।
अब होगा नेगोशिएशन
परिषद में मिली रक्षा उत्पादों की एओएन के बाद अब निर्माताओं के साथ कीमत निर्धारण के लिए नेगोशिएशन किया जाएगा। एक बार अंतिम कीमत निर्धारित हो जाने के बाद प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखे जाएंगे। वहां से मंजूरी के बाद खरीद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
परिषद में मिली रक्षा उत्पादों की एओएन के बाद अब निर्माताओं के साथ कीमत निर्धारण के लिए नेगोशिएशन किया जाएगा। एक बार अंतिम कीमत निर्धारित हो जाने के बाद प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखे जाएंगे। वहां से मंजूरी के बाद खरीद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।