अदालत ने अर्जी को लिस्ट करने की बात कही है और इस पर जुलाई में सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वरिष्ठ अधिवक्ता शेख नफाडे ने चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष कहा कि यह आर्टिकल 370 का मामला है। अब तो जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा की सीटों का परिसीमन भी चल रहा है।
वकीलों की दलील सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा, “मैं देखता हूं। यह पांच जजों की पीठ के सामने रखा जाने वाला मामला है। मुझे पीठ का पुनर्गठन करना होगा।” अदालत ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिये पांच न्यायाधीशों की पीठ के पुनर्गठन पर सहमति जताई।
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दरअसल, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले अधिकतर प्रावधान समाप्त हो गए हैं। तो वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष ने सवाल उठाया और कहा कि ये कदम असंवैधानिक है। इसके बाद मामले को लेकर कई सारी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की गुहार की गई। याचिकाकर्ता ने कहा कि कम से कम गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई हो। बता दें, सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में उठाए गए इस कदम के बाद घाटी में लंबे समय तक पाबंदियां लगाई गईं और वहां के प्रमुख राजनेताओं को नजरबंद भी रखा गया।
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