जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील जाखड़ सहित कई विधायक राजभवन में मौजूद रहे। वहीं राहुल गांधी भी इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद राजभवन पहुंच गए हैं। उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी और दोनों डिप्टी सीएम को बधाई दी। गौरतलब है कि पहले डिप्टी सीएम के लिए अरूणा चौधरी (aruna chaudhari) और भारत भूषण आशू (bharat bhusan ashu) के नामों पर चर्चा हो रही थी। वहीं चरणजीत सिंह चन्नी से पहले सुखजिंदर रंधावा को पंजाब का सीएण बनाए जाने की खबरें आ रही थीं।
कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी बता दें कि 58 वर्षीय चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले वे राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री थे और चमकौर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार से विधायक हैं। बता दें कि चन्नी का जन्म 1963 में कुराली के पास पंजाब के भजौली गांव में हुआ था और उनका परिवार मलेशिया में बस गया था जहां उनके पिता काम करते थे, लेकिन वे 1955 में भारत लौट आए और पंजाब के एसएएस नगर जिले के खरार शहर में बस गए।
कांग्रेस ने एक तीर से लगाए कई निशाने राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पंजाब का मुख्यमंत्री (punjab new cm) बनाकर कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं। दरअसल, पंजाब में कुछ महीनों के बाद ही विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) होने हैं और उससे पहले कांग्रेस ने चन्नी को सीएम चुना है। इस फैसले से पार्टी का फायदा हो सकता है। बता दें कि पंजाब में लगभग 30 प्रतिशत दलित आबादी और दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस अपने आगे का रास्ता साफ करती नजर आ रही है। वहीं दो डिप्टी सीएम बनाकर पार्टी राज्य में वोट बैंक साधने की कोशिश में जुटी है।
यह भी पढ़ें: चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल को सौंपा विधायकों का समर्थन पत्र, आज 11 बजे लेंगे शपथ बीते दो दिनों में पंजाब की सियासत बता दें कि पिछले दो दिनों में पंजाब (punjab cm) की सियासत में कई बड़े बदलाव देखने को मिले। पहले शनिवार की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) से फोन पर बात करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (captain amrinder singh) ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें दो प्रस्ताव पास हुए। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश रावत (harish rawat) ने बताया कि पहले प्रस्ताव में कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री रहते किए गए कार्यों की सराहना की गई। वहीं दूसरे प्रस्ताव में सभी विधायकों ने नया सीएम चुनने की जिम्मेदारी सोनिया गांधी पर सौंप दी।
यह भी पढ़ें: चरणजीत सिंह चन्नी बने पंजाब के मुख्यमंत्री, कैप्टन अमरिंर सिंह को सीएम पद से हटाने की उठाई थी मांग कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा वहीं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (captain amrinder singh) ने कहा कि उन्हें जानकारी दिए बिना सीएलपी की बैठकें हो रही थीं, जिससे वो काफी अपमानित महसूस कर रहे थे। इसके चलते ही उन्हें पंजाब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने सही लगा। इस दौरान कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh siddhu) को सीएम बनाए जाने के सवाल पर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता दिया था। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh siddhu) के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (imran khan) और जनरल बाजवा संग संबंध हैं और ऐसे शख्स को एक सरहदी राज्य का मुखिया बनाना ठीक नहीं है।