सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा, “हमने ओला और उबर दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पिछले एक साल से कैब सेवा प्रदाताओं के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों और अन्य अनुचित व्यापार आचरण से संबंधित हैं।” राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के आंकड़ों के अनुसार 01.04.2021 से 01.05.2022 तक उपभोक्ताओं द्वारा ओला के खिलाफ 2482 शिकायतें और उबर के खिलाफ 770 दर्ज की गईं हैं।
सरकार ने बीते 10 मई को कैब प्रदाताओं के साथ हुई बैठक में चेतावनी दी थी कि अगर वे अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कैब सेवाओं में कमी के तहत ग्राहक सहायता से उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलना, ड्राइवर द्वारा ऑनलाइन मोड से भुगतान लेने से इनकार करना, केवल नकद भुगतान पर जोर देना, ग्राहक के आग्रह को इनकार करना, मनमाफिक दिशा में जाना, एक ही मार्ग पर जाने के पहले की अपेक्षा अधिक शुल्क लिया जाना, चालक द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं करना, चालक द्वारा ट्रिप रद्द करना आदि शिकायतें शामिल हैं।
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बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि हमने उन्हें उनके प्लेटफार्मों के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों के बारे में बताया। हमने उन्हें आंकड़े भी दिए. हमने उन्हें अपनी प्रणाली में सुधार करने और उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा है अन्यथा सक्षम अधिकारी सख्त कार्रवाई करेंगे। यह भी पढ़ें