जजों को नहीं मिलती एजेंसियों की मदद एजेंसियों को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘गैंगस्टर और हाई प्रोफाइल क्रिमिनल केसों में जजों को धमकियां मिलती हैं और वॉट्सऐप पर अपशब्द भेजे जाते हैं। बावजूद इसके सीबीआई और आईबी जजों की बिल्कुल मदद नहीं करती हैं।’ धनबाद में एक जज की मौत के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। साथ ही सीबीआई को मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
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कोर्ट को सीबीआई के रवैये में बदलाव की उम्मीदमामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा, ‘जजों को धमकी मिलने के एक-दो मामलों में हमने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बावजूद एजेंसी ने एक साल से अधिक समय में कुछ नहीं किया। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि जब निचली अदालत के न्यायाधीश धमकियों के बारे में शिकायत करते हैं तो एजेंसियां “जवाब नहीं देती। वक्त के साथ हमें सीबीआई के रवैये में बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन यह कहते हुए दुख हो रहा है कि कोई बदलाव नहीं आया।’