कतर ने भारत के दूत दीपक मित्तल से कहा कि इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों को बिना सजा के जारी रखने की अनुमति देना, मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। इससे हिंसा और नफरत का माहौल बन सकता है। तो वहीं अब इस मामले में कतर एयरवेज की भी एंट्री हो गई है।
सोशल मीडिया पर नूपुर के बयान के बाद कतर एयरवेज को लेकर कमेंट किए जा रहे हैं। मगर सवाल उठता है कि आखिर नूपुर शर्मा के मामले के बाद लोग कतर एयरवेज की चर्चा क्यों कर रहे हैं। आखिर कतर एयरवेज की चर्चा किस संदर्भ में हो रही है और एयरवेज का नूपुर शर्मा मामले से क्या कनेक्शन है? और ट्रिटर पर कतर एयरवेज को बॉयकॉट करने की मांग क्यों ट्रेंड कर रही है?
दरअसल, BJP नेता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया। जिसके बाद उनका ये वीडियो वायरल हो गया, जिसका विरोध भी हुआ। नूपुर के खिलाफ महाराष्ट्र में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। विवाद को बढ़ता देख BJP ने नूपुर को सस्पेंड कर दिया, जबकि नूपुर के सस्पेंड होने पर लोगों ने आपत्ति भी जताई। इसके बाद इस्लामिक देशों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इन इस्लामिक देशों में कतर भी शामिल है।
कतर के विदेश मंत्री सुल्तान बिन साद अल मुरैखी ने नूपुर शर्मा के बयान पर भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया। उन्होंने इस मामले में आधिकारिक ज्ञापन सौंपा , जिसमें नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए बयान की निंदा की गई थी। जिसके बाद दीपक मित्तल की ओर से कहा गया कि बीजेपी नेताओं के ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते।
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कतर में इस मामले ने काफी तूल पकड़ा है, जिसकी वजह से कतर में रह रहे भारतीयों को स्थानीय लोगों के ताने सुनने पड़ रहे हैं और वह दबाव महसूस कर रहे हैं। बता दें, कतर में स्थानीय लोगों से ज्यादा संख्या भारतीयों की है। जिसमें वर्कर्स और बिजनेसमैन शामिल हैं। लेकिन वहां भारतीयों के लिए इन भारतीयों की समस्या यही है कि जब भी कोई राजनेता भारत में हेट स्पीच देता है तो उसका फर्क उनपर पड़ता है। वह प्रेशर में आ जाते हैं क्योंकि स्थानीय लोग उस हेट स्पीच का जिक्र करते हुए उन्हें निशाना बनाते हैं। तो वहीं कतर की ओर से विरोध किए जाने के बाद भारत में लोगों ने कतर का बहिष्कार करने का आह्वान किया है और इसी वजह से कतर एयरवेज को भी निशाने पर ले लिया गया। बहिष्कार करने की मांग करते हुए भारत की जनता द्वारा ट्वीट किए जा रहे हैं की अब हम इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे। इस बहिष्कार को लेकर लोगों ने कई सारे ट्वीट किए, जिसके बाद ये ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है।
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