बता दें कि चुनाव आयोग ने 10 दिसंबर को महाराष्ट्र विधान परिषद की 6 सीटों पर वोटिंग की घोषणा की थी। बीएमसी की 2 सीटों पर हुए चुनाव में 1 सीट पर शिवसेना से सुनील शिंदे ने जीत दर्ज की है। वहीं दूसरी सीट पर भाजपा के राजहंस सिंह ने निर्विरोध जीत हालिस की है। इसके साथ ही कोल्हापुर और नंदुरबार-धुले विधान परिषद चुनावों में भी कांग्रेस और भाजपा ने 1-1 सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की।
वहीं नागपुर और अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीटों पर 10 दिसंबर को मतदान हुआ था। जिला सूचना कार्यालय ने बताया कि नागपुर में पड़े 554 वोटों में से भाजपा उम्मीदवार और सूबे के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को 362 वोट मिले और एमवीए समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को 186 वोट से संतोष करना पड़ा।
इसके साथ ही अकोला-वाशिम-बुलढाणा में शिवसेना के तीन बार के विधान पार्षद गोपीकिशन बाजोरिया को भाजपा के वसंत खंडेलवाल ने मात दी। कुल 808 वोटों में से खंडेलवाल को 443 जबकि बजोरिया को 334 वोट मिले।
भारतीय जनता पार्टी की इस जीत पर पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। फड़णवीस ने कहा कि एमवीए में शामिल पार्टियां दावा कर रही थीं कि तीनों दल मिलकर सभी चुनाव जीतेंगे। आज भाजपा ने राज्य सरकार के इस मिथक को चकनाचूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस जीत ने हमारी भविष्य की जीत की नींव रखी है।
गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार है। पहले शिवसेना और कांग्रेस राज्य में साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, लेकिन दोनों में सीएम की कुर्सी को लेकर सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद तीनों पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई। वहीं सरकार में सहयोगी पार्टियों का दावा है कि आने वाले सभी चुनावों में हराना आसान नहीं होगा।