आलोक कुमार ने अपने ट्वीट में नीतीश पर बिहार का सीएम बने रहने को लेकर भी सवाल खड़ा किया हैं। उन्होंने लिखा, “क्या संयोग हैं और अजब प्रयोग हैं – पेट भर के गालियाँ दे के और पेट में कितने दाँत हैं ये बताके राष्ट्रीय अध्यक्ष , दो दो बार धोखा दे के खुद को CM बना के चुनाव लड़ने वाले अध्यक्ष संसदीय बोर्ड – ये काम सिर्फ़ एक ही विरला पार्टी कर सकती हैं जिसके नायाब नेता को सब भूलने की आदत हैं।”
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “पिछले 12 साल से PM बनने की आशा में बिहार का सत्यानाश करने वाले ये महान व्यक्ति नीतीश कुमार नहीं बल्कि “नाश कुमार” हैं । कबीरदास ने तो अपनी डाल काटी थी ये आदमी अपनी छाया को काटने चला हैं । सोचिए आप लोग ?? आपका क्या होगा ??”
वहीं अपनी गलती सुधारते हुए उन्होंने एक ट्विट किया है। उन्होंने कहा, “गलती से कालिदास की जगह कबीरदास लिख गया मैं लेकिन बिहार में आजकल ये भी प्रासंगिक हैं – कबीरदास की उल्टी वाणी -बरसे सोना भींगे पानी -नाश कुमार के रहते सब सम्भव हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति आयोग की बैठक में हिस्सा न लेने को लेकर भी उन्होंने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “PM की नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएँगे क्योंकि कोरोना से निकले हैं “नाश कुमार” लेकिन समारोह में जाएँगे , सांसदो की बैठक करेंगे -अरे खुल के गाइए लालू जी के शब्दों में – पलटने का मौसम आ गया – बिहार की सत्ता में बने रहना इनका 1-1 दिन बिहार को 1-1 साल पीछे ले जा रहा हैं।”
बता दें कि अजय आलोक पर पार्टी लाइन से हटकर कार्य करने के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। JDU में अजय आलोक को आरसीपी सिंह का करीबी समझा जाता था। अजय आलोक पेशे से डॉक्टर हैं। माना जाता है कि अजय आलोक के बीजेपी से अच्छे रिश्ते रहे हैं। JDU की पार्टी में रहकर वो सार्वजनिक फ़ोरम और डिबेट में बीजेपी की तरफ़दारी किया करते थे। यही वजह है कि JDU के कई नेता इन्हें पसंद नहीं करते हैं।
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