खगड़िया जिले के मघौना गांव में गिरीश यादव नाम के एक दिहाडी मजदूर की हालत तब हक्का-बक्का रह गई, जब उसने आयकर विभाग का 37.5 लाख रुपये बकाया टैक्स का देखा। उसे टैक्स भरने के निर्देश देने के साथ-साथ बताया गया है कि उसके नाम पर राजस्थान के पाली में एक कंपनी रजिस्टर्ड है। गिरीश ने बताया की उन्हें उनके नाम से जारी पैन नंबर के खिलाफ नोटिस मिला है। उन्होंने कहा कि वो कभी राजस्थान गए ही नहीं हैं। पीड़ित गिरीश ने अलौली थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है।
गिरिश ने रोते हुए बताया कि वह इतनी बड़ी लरकम कहां से देंगे। उन्होंने कहा, “मेरे साथ बहुत बड़ा धोखाधड़ी हुई है। मेरा किसी भी कंपनी से कोई ताल्लुक नहीं है, हम तो गांव में रहकर खेती बारी और मजदूरी करते हैं।” गिरिश ने यह भी बताया कि दस साल पहले वह दिल्ली में रहकर मजदूरी किया करते थे, इस दौरान किसी अनजान शख्स ने मेरे नाम से पेन कार्ड बनाया था, जो आजतक मुझे नहीं मिला है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि उन्हीं लोगों ने पैन कार्ड का गलत उपयोग किया है।
वहीं, अलौली पुलिस स्टेशन के थानेदार पुरेन्द्र कुमार का कहना है कि गिरीश यादव ने जो जानकारी दी है, उसके आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पहली नजर में ये धोखाधड़ी का मामला लगता है। गिरीश कुमार को ये नोटिस उसके नाम पर जारी एक पैन कार्ड पर मिला है। उसने एक बार एक दलाल के जरिए पैन कार्ड बनवाने की कोशिश की थी, जो उसे फिर कभी नहीं मिला। पुलिस ने कहा मामले में जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा।
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