दरअसल बक्सर के मुफासिल थाने मे दर्ज FIR के अनुसार 6 जुलाई को गाजीपुर बॉर्डर के पास से एक गाड़ी पकड़ी गई। वहीं चेकिंग के दौरान पुलिस ने गाड़ी में मौजूद दो व्यक्ति रामसुरेश यादव और भुनेश्वर यादव के साथ आधा दर्जन विदेशी शराब की बोतल और एक जर्मन शेफर्ड कुत्ते को गिरफ्तार किया था। व्यक्तियों को तो पुलिस ने जेल भेज दिया मगर कुत्ते को थाने में ही रखना पड़ा।
ऐसे में पुलिस का कहना है की कुत्ते की देखरेख करने और उसे पालने पोसने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है, उस रोज दूध और कार्नफ्लेक्स खिलाना पड़ता है। पुलिस ने आगे कहा कि कुत्ते के खाने की टाइमिंग और स्वाद के बारे में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। जब हमें लगता है कि कुत्ते को भूख लग रही है तो उसे खाना दे दिया जाता है।
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वहीं कुत्ता किसी की भाषा भी नहीं समझ पाता है, क्योंकि उसे केवल इंग्लिश भाषा ही समझ आती है। ऐसे में वह न किसी की बात सुनता है और न ही कुछ समझता है। कुत्ता केवल अंग्रेजी भाषा में दिए गए आदेशों का पालन करता है, इसलिए पुलिसकर्मीं कुत्ते को कुछ आदेश दे रहे हैं तो उन्हें अग्रेजी भाषा बोलनी पड़ रही है। इसकी देखभाल करने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूटने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि इस गिरफ्तारी के कारण केवल पुलिस वाले ही परेशान हैं, बल्कि शराब कानून की गिरफ्त में आने की वजह से कुत्ता भी काफी परेशानियां झेल रहा है। क्योंकि उसे थाने में वह सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही जो इसे मिलती रही हैं।
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