नई दिल्ली

बेल्जियम, पहला देश जिसने मंकीपॉक्स वायरस के लिए अनिवार्य किया क्वारंटाइन

दुनिया के 14 देशों में मंकीपॉक्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी है। इसी बीच बेल्जियम ने मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए 21 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है। तो वहीं WHO ने कहा, इस वायरस के वैश्विक स्तर पर पहुंचने की संभावना है।

नई दिल्लीMay 23, 2022 / 07:15 am

Archana Keshri

बेल्जियम ने 21-दिन का क्वारंटाइन मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित लोगों के लिए अनिवार्य कर दिया है। मंकीपॉक्स वायरस के लिए क्वारंटाइन सिस्टम शुरू करने वाला वह पहला देश बन गया है। अब तक 14 देशों ने मंकीपॉक्स वायरस की अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। कोरोना वायरस के खतरा अभी खत्म नहीं हुआ था कि अब मंकीपॉक्स वायरस के कारण लोग सहम गए हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को लेकर गंभीरता दिखाते हुए विश्व के सभी देशों को सावधान रहने की हिदायत दी है।
ये वायरस संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैलता है। ब्रिटेन में शुरू हुए मंकीपॉक्स वायरस के मामलों की अब कनाडा और स्पेन समेत 14 देशों में पुष्टि हो चुकी है। संक्रमित लोगों में से ज्यादातर मरीज युवा हैं। तो वहीं बेल्जियम में तीन मामले दर्ज होने के बाद, बेल्जियम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वायरस को अनुबंधित करने वालों को अब तीन सप्ताह के लिए सेल्फ-आइसोलेट करना होगा।
यहां मंकीपॉक्स का पहला केस शुक्रवार को दर्ज किया गया। तो वहीं बेल्जियम की सरकार द्वारा क्वारंटाइन करने के निर्णय को वहां के डॉक्टर्स ने महत्वपूर्ण बताया है। डॉक्टर्स का कहना है की इस वायरस की वृद्धि को रोकने के लिए यही सही कदम है।
बता दें, दुनिया में मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में WHO ने इसके ज्यादा मामलों की पहचान करने की उम्मीद जताई है। यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के पास संपर्क में आने से फैलता है, इसलिए इसे सेल्फ आईसोलेशन और स्वच्छता जैसे उपायों के माध्यम से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में 7 मई को पहली बार इस बीमारी के लक्ष्ण एक मरीज में देखने को मिले थे जिसने हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा की थी। धीरे-धीरे ये बीमारी अब यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है। यह वायरस आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था।

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साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी। वहीं इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी। वहीं इस बिमारी के लक्षणों की बात करें तो शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द शामिल हैं। मरीजों में आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिन बाद दाने निकल आते हैं। दाने में खुजली भी होती है।
ये संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्ते तक रहता है और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। अभी मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं। इस मामले में अभी फिलहाल किसी के मौत की खबर नहीं आई है, मगर जितनी तेजी से ये दुनिया में फैल रहा है उसे देखते हुए WHO ने सावधानी बरतने के लिए कहा है।

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