भाजपा द्वारा धार्मिक हस्तियों के अपमान की निंदा करने के बाद एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और दूसरे को निष्कासित कर दिया गया है, लेकिन बांग्लादेश और भारत में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इतनी-सी कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने बांग्लादेश के ढाका शहर में मुख्य बैतुल मुकर्रम मस्जिद के पास सड़कों से जुमे की नमाज के बाद मार्च किया। कई लोगों ने मोदी के खिलाफ नारे लगाए।
इस्लामिक आंदोलन और देश में इस्लामी कानून की शुरूआत का समर्थन करने वाले इस्लामी दलों के एक समूह के बांग्लादेश के नेता मौलाना इम्तियाज आलम ने कहा, “वैश्विक मुस्लिम समुदाय एकजुट हो गया है। हम पूरी दुनिया से भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने को कहते हैं।” आलम ने दोनों भारतीय नेताओं को गिरफ्तार करने और दंडित करने का आह्वान किया। वहीं भारत में भी हजारों मुसलमान जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतर आए और कई कस्बों और शहरों में पुलिस पर पथराव किया।
भारत में पुलिस ने हैदराबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद और कानपुर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लकड़ी के डंडों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर छतों से पत्थर भी फेंके। तो वहीं नई दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारी मोहम्मद सलीम कुरैशी ने भी भाजपा के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा का एक कागज का पुतला जलाया गया।
दूसरी तरफ कश्मीर के भारतीय नियंत्रित हिस्से में वहां के अधिकारियों ने दो शहरों को बंद कर दिया है और कई कस्बों में मोबाइल इंटरनेट सेवा में कटौती कर दी है। क्योंकि अनुमान लगया जा रहा है की ये मुद्दा बड़ा रूप ले सकता है और विरोधी इसे बड़े विरोध प्रदर्शन में बदल सकते हैं। श्रीनगर में भाजपा के दो अधिकारियों के खिलाफ करोड़ों मुस्लिम निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जहां शुक्रवार को दुकानें और व्यवसाय अनायास बंद हो गए। वहीं अधिकारियों ने श्रीनगर की मुख्य मस्जिद या दूरदराज के पहाड़ी शहरों भद्रवाह और किश्तवाड़ में जुमे की नमाज की इजाजत भी नहीं दी।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय टेलीविजन पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय तूफान का कारण बन गई है, कई देशों ने उनकी टिप्पणियों की निंदा की। वैश्विक आक्रोश के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पिछले सप्ताह उन्हें निलंबित कर दिया था। तो वहीं कम से कम पांच अरब देशों ने भारत के खिलाफ आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है, और पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने भी इस सप्ताह भाजपा के दो अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि 2014 में चुने जाने के बाद से इस तरह के हमलों के बारे में पीएम मोदी की चुप्पी साधे हुए हैं, जो कि हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक को निशाना बनाने वाली बढ़ती हिंसा का परिणाम है।वहीं ढाका शहर में मुख्य बैतुल मुकर्रम मस्जिद के पास शुक्रवार की नमाज के बाद सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। सभी प्रदर्शनकारियों ने 16 जून को भारतीय दूतावास का घेराव करने का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उत्पादों और भारत के बहिष्कार का भी आह्वान किया है। आपको बता दें, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भारत के पड़ोसी और एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना बढ़ने के बावजूद एक दशक से अधिक समय तक भारत के साथ मधुर संबंध बनाए रखा है।
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