उन्होंने कहा कि अकादमी के इस अमृत महोत्सव के 75वें बैच का ऐतिहासिक महत्व होगा, जो उन्हें भाग्य ने दिया है और इस मौके को ये अफसर अपने परिश्रम, निष्ठा, बलिदान और देश के प्रति समर्पण के कारण और ऐतिहासिक बनाएं। शाह ने कहा कि जब ये अधिकारी देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों का नेतृत्व कर रहे होंगे, तब हमेशा देश को अभिमान होना चाहिए कि 75वें RR बैच के सभी प्रशिक्षुओं ने अपनी 25 साल की सेवा के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के अमृतकाल के संकल्प को पूरा करने की दिशा में 75 RR बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों की अहम भूमिका होगी। जब देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तब देश सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करता होगा, उसमें इन सभी अधिकारियों का भी बहुत बड़ा योगदान होगा।
अमित शाह ने कहा कि संवेदनशीलता ही संविधान को मानवीय स्वरूप देती है और हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा संविधान में रखी गई स्पिरिट को संवेदनशीलता के साथ लागू करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से देश से गरीब, कमजोर व्यक्तियों और वर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रोएक्टिव रहने को कहा। श्री शाह ने कहा कि हमें प्रसिद्धि के मोह में पड़े बिना अपनी ड्यूटी पर केंद्रित होकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि तैनाती के स्थान की स्थानीय भाषा, परंपरा और इतिहास का सम्मान करते हुए हमें लोगों के साथ संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए और किताबी अप्रोच से ऊपर उठकर कानून के स्प्रिट को समझ कर आगे बढ़ना चाहिए।
शाह ने कहा कि ये 25 वर्ष देश को हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वप्रथम बनाने और दुनिया में अपने उचित और गौरवपूर्ण स्थान पर प्रस्थापित करने के 25 साल हैं और अमृतकाल के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा, सरहदों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में इन अधिकारियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि यहां से जाने के बाद इन अधिकारियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि देश में संविधान को लागू करना और उसके द्वारा प्रदत्त अधिकार सभी लोगों को मिलें।
इन 75 सालों में यहां से निकले आईपीएस अफसरों ने देश की आतंरिक और सीमाओं की सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए एक उज्ज्वल, बलिदानयुक्त और यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है। आज यहां से निकल रहे 75वें बैच के प्रशिक्षुओं की ये जिम्मेदारी कि वे इस इतिहास को आगे ले जाएं और उसमें कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ें। आज यहां से 175 प्रशिक्षु बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण पूरा कर निकलेंगे, जिनमें भूटान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के 20 विदेशी अधिकारी शामिल हैं। इन कुल 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी शामिल हैं।
शाह ने कहा कि लंबे समय से देश आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और नक्सली हिंसा का सामना कर रहा था लेकिन विगत 10 सालों में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण हमें इन पर नकेल कसने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं और ऑर्गेनाइज्ड क्राईम, साइबर क्राइम, इंटरस्टेट और इंटरनेशनल फाइनेंशियल क्राइम, इंटरस्टेट गैंग्स जैसी कई नई चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, क्रिप्टो करेंसी से देश के अर्थतंत्र को कमज़ोर करने, हवाला कारोबार और नकली नोटों के कारोबार जैसी चुनौतियों के खिलाफ भी हमें अपनी लड़ाई इतनी ही शिद्दत से जारी रखनी है। श्री शाह ने कहा कि आज जब इस नए बैच के अधिकारी सेवा में अपना पहला कदम रखने जा रहे हैं, तब हमारा देश एक नए युग की ओर जाने की शुरुआत कर चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अंग्रेजों के शासन के समय के तीन कानूनों– CrPC, IPC और Evidence Act – में आमूलचूल परिवर्तन कर तीन नए क्रिमिनल लॉ देश की संसद के सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही तीनों नए कानून पारित हो जाएंगे और इनके आधार पर नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की शुरुआत होगी।
शाह ने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से न्याय व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं।गृह मंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से Reacting और Responsing पुलिसिंग से आगे जाकर Preventive, Predictive और Proactive पुलिसिंग और बदलते परिवेश में समय के साथ पुलिस व्यवस्था को बदलने के लिए भी आगे बढ़ने के लिए कहा।