बता दें, जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को जुबैर को जमानत देने से इनकार करते हुए रिमांड अवधि चार दिन और बढ़ा दी थी।
पुलिस ने जुबैर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295 (IPC) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जुबैर के खिलाफ मामला हनुमान भक्त नामक एक ट्विटर हैंडल की शिकायत पर आधारित है, जो दावा करता है कि जुबैर ने एक विशिष्ट धर्म के भगवान का जानबूझकर अपमान करने के इरादे से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी। FIR में कहा गया है, “इस तरह के पोस्ट का प्रसारण और प्रकाशन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जानबूझकर किया गया है ताकि शांति भंग करने के इरादे से एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया जा सके।”
FIR के अनुसार, आरोपी जुबैर ने एक पुरानी हिंदी फिल्म के स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक होटल की तस्वीर दिखाई द रही थी। होटल के बोर्ड पर ‘हनीमून होटल’ के बजाय ‘हनुमान होटल’ लिखा हुआ था। जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा था, “2014 से पहले: हनीमून होटल। 2014 के बाद: हनुमान होटल”। शिकायतकर्ता ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा था, “हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं। कृपया इसके खिलाफ कार्रवाई करें।”
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वहीं दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जिस ट्विटर हैडल से जुबैर के ट्वीट की शिकायत की गई थी, उसे डिलीट कर दिया गया है। सूत्र ने बताया, “हम उस ट्विटर अकाउंट उपयोगकर्ता की पहचान और उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उसके द्वारा अकाउंट को डिलीट करने के कारणों को जान सकें। हालांकि, हमें अंदेशा है कि वह व्यक्ति यह मामला चर्चा में आने के बाद डर गया होगा।” मोहम्मद जुबैर के वकील वृंदा ग्रोवर ने गुरुवार सुबह दिल्ली हाईकोर्ट में अवकाशकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष याचिका पेश की और न्यायाधीश सुनवाई के लिए तैयार हो गए। याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। यह भी पढ़ें