नए वायरस स्ट्रेन के खिलाफ Corona Vaccine कितनी कारगर, Pfizer ने दी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने इस मंजूरी को ब्रिटेन और दुनिया के लिए खुशी के क्षण के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक ब्रिटिश सरकार द्वारा पूर्व-आदेशित (प्री-ऑर्डर) की गई हैं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) सोमवार (4 जनवरी, 2021) से वैक्सीनेशन शुरू कर देगी।
वहीं, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी स्वीकृति का स्वागत किया और इसे “वास्तव में शानदार समाचार” बताते हुए कहा कि सरकार अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करेगी। आइए जानते हैं एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के बारे में सारी जानकारीः
1. एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के टीके की कीमत भारतीय मुद्रानुसार 249 रुपये (2.50 ब्रिटिश पाउंड/3.40 अमरीकी डॉलर) है, जो इसे सस्ते टीकों में से एक बनाता है। हैनकॉक ने यह भी कहा कि यह टीका “क्लीनिकल जरूरत के हिसाब से लगाया जाएगा ना कि भुगतान करने की क्षमता” के आधार पर।
शुरू हो गया कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा, ठगों ने बिछाए ऐसे जाल की कोई भी फंस जाए 2. टीके को सामान्य रेफ्रिजरेटर में दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है, इस प्रकार यह अधिक व्यावहारिक और रखने में आसान है। इसके विपरीत, Pfizer-BioNTech वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस और मॉडर्ना वैक्सीन को -20 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने की जरूरत होती है।
3. एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पास्कल सोरियट ने कहा है कि यह टीका यूके में फैले नए कोरोना वायरस म्यूटेशन के खिलाफ “प्रभावी होना चाहिए”। उन्होंने आश्वासन दिया है कि अधिक परीक्षण किए जाएंगे और वैक्सीन के नए संस्करण तैयार किए जा रहे हैं।
किसे लेनी चाहिए COVID-19 Vaccine और किसे नहीं? 10 जरूरी सवाल 4. एक ब्रिटिश फार्मा कंपनी द्वारा विकसित किए जाने के चलते यूके में वैक्सीन का विनिर्माण और वितरण आसान है। कंपनी मार्च 2021 के भीतर यूके सरकार को 40 मिलियन खुराक और 2021 में वैश्विक स्तर पर तीन अरब खुराक प्रदान करेगी।
5. यह Pfizer और Moderna द्वारा उपयोग की जाने वाली नई मैसेंजर RNA तकनीक के विपरीत एक वायरस वेक्टर वैक्सीन है। एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन में इस्तेमाल किए जाने वाले वायरस का संस्करण चिंपांज़ी में पाया जाता है और इसका उपयोग आनुवंशिक कोशिकाओं के रूप में मानव कोशिकाओं के अंदर अपेक्षित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी लोगों में दिख रहे हैं ये लक्षण, बरतनी होगी पूरी सावधानी 6. जब इसकी दोनों पूरी खुराकें दे दी गई तो वैक्सीन का असर 62 प्रतिशत प्रभावी था। हालांकि, जब आधी खुराक के बाद पूरी खुराक दी गई, तो इसका असर 90 प्रतिशत तक बढ़ गया। कंपनी ने खुराक के असर का परीक्षण करने के लिए अधिक क्लीनिकल ट्रायल करने का फैसला लिया है।