जीवन परिचय
सिकंदर का जन्म जुलाई 356 ई.पू. पेला में हुआ था सिकंदर का पूरा नाम एलेक्ज़ेंडर तृतीय और एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन था। सिकंदर के पिता का नाम फिलीप और माता का नाम ओलंपिया था। सिकंदर का विवाह रुखसाना के साथ हुआ था।
सिकंदर का जन्म जुलाई 356 ई.पू. पेला में हुआ था सिकंदर का पूरा नाम एलेक्ज़ेंडर तृतीय और एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन था। सिकंदर के पिता का नाम फिलीप और माता का नाम ओलंपिया था। सिकंदर का विवाह रुखसाना के साथ हुआ था।
अलेक्जांड्रिया नाम का एक नया राज्य बसाया
सिकंदर सिर्फ बीस वर्ष की आयु में मेसिडोनिया का राजा बना और विश्व को जीत लेने का सपना बुनने लगा। अपने पिता की एशिया माईनर को जीतने की इच्छा को पूरी करने के लिए अपने सैनिकों, हथियारों और लश्कर के साथ निकल पड़ा। इसके बाद लगातार सिकंदर को एक के बाद सफलता मिलने लगी और वह अपने उद्देश्य की ओर तेजी से बढ़ने लगा। कई छोटे बड़े राज्यों को जीतने के बाद वह मिस्र तक जा पहुंचा। जहां उसने अलेक्जांड्रिया नाम का एक नया राज्य बसाया। यहां उसने एक विश्वविद्यालय की स्थापना की साथ ही अन्य कई इमारतों का निर्माण करवाया।
सिकंदर सिर्फ बीस वर्ष की आयु में मेसिडोनिया का राजा बना और विश्व को जीत लेने का सपना बुनने लगा। अपने पिता की एशिया माईनर को जीतने की इच्छा को पूरी करने के लिए अपने सैनिकों, हथियारों और लश्कर के साथ निकल पड़ा। इसके बाद लगातार सिकंदर को एक के बाद सफलता मिलने लगी और वह अपने उद्देश्य की ओर तेजी से बढ़ने लगा। कई छोटे बड़े राज्यों को जीतने के बाद वह मिस्र तक जा पहुंचा। जहां उसने अलेक्जांड्रिया नाम का एक नया राज्य बसाया। यहां उसने एक विश्वविद्यालय की स्थापना की साथ ही अन्य कई इमारतों का निर्माण करवाया।
ईसान की राजकुमारी रुखसाना से शादी
अपना राज्य बसाने के बाद भी सिकन्दर चैन से नहीं बैठा और मेसोपोटामिया होता हुआ ईरान जा पहुंचा। वहां के राजा डेरियस तृतीय को अरबेला के युद्ध में हरा कर सिकंदर ने ईसान की राजकुमारी रुखसाना से शादी कर ली और आगामी रणनीतियों को पूरा करने के लिए जी जान से कोशिश करने लगा।
33 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ा
कुछ समय बाद सिकन्दर ने भारत को जीतने का मन बनाया और भारत पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध् में उसने भारत का सीमांत प्रदेश जीत लिया। लेकिन भारतीय राजा पोरस ने उसे कड़ी टक्कर दी। जिसके बाद वह ईरान की ओर लौट गया। 323 ई.पू. में वह बेबीलोन पहुंचा और वहां वह एक बीमारी के दौरान 33 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ कर चला गया।
अपना राज्य बसाने के बाद भी सिकन्दर चैन से नहीं बैठा और मेसोपोटामिया होता हुआ ईरान जा पहुंचा। वहां के राजा डेरियस तृतीय को अरबेला के युद्ध में हरा कर सिकंदर ने ईसान की राजकुमारी रुखसाना से शादी कर ली और आगामी रणनीतियों को पूरा करने के लिए जी जान से कोशिश करने लगा।
33 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ा
कुछ समय बाद सिकन्दर ने भारत को जीतने का मन बनाया और भारत पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध् में उसने भारत का सीमांत प्रदेश जीत लिया। लेकिन भारतीय राजा पोरस ने उसे कड़ी टक्कर दी। जिसके बाद वह ईरान की ओर लौट गया। 323 ई.पू. में वह बेबीलोन पहुंचा और वहां वह एक बीमारी के दौरान 33 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ कर चला गया।