कार्यकर्ताओं ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी बता दें कि जालंधर कैंट हलके से जगबीर बराड़ (jalandhar cantt party candidate jagbir brar) को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही पार्टी में विरोध के सुर देखने को मिल रहे थे। अब कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी के विरोध और सरबजीत सिंह मक्कड़ के हक में आवाज उठानी शुरू कर दी है। कार्यकर्ताओं ने यह तक कह दिया है कि अगर पार्टी ने मक्कड़ को किसी पद की लालच देकर शांत कर दिया, तब वे जगबीर का भी विरोध करेंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ने पैराशूट से लाए उम्मीदवारों के सीट देने का फैसला वापस न लिया तो वे पार्टी छोड़ देंगे।
दल-बदले नेताओं को टिकट देती है पार्टी अकाली दल के नेता सौदागर सिंह औजला और राजेश बिट्टू का कहना है कि शिरोमणि अकाली दल (akali dal) (बादल) ने हमारे साथ धोखा किया है। 2007 में पार्टी ने जगबीर सिंह बराड़ को कैंट हलके से चुनाव के मैदान पर उतारा, तब वे बीडीओ थे। उस समय भी पार्टी ने वर्करों को दरकिनार करते हुए बराड़ की सीट दी गई थी। इसके बावजूद वर्करों ने पार्टी को जीत दिलाई। मगर साढ़े चार साल बाद जगबीर बराड़ पार्टी छोड़कर भाग गए।
इसी तरह से परगट सिंह को पार्टी में शामिल किया गया। उन्होंने उन्हें भी जीत दिला विधायक बनाया। वे भी साढ़े चार साल बाद पार्टी छोड़ गए। इस तरह पार्टी का दोनों बार का फैसला गलत साबित हुआ। इसके बाद पार्टी ने सरबजीत सिंह मक्कड़ को हलका इंचार्ज लगाया। अब उनकी जगह जगबीर बराड़ को टिकट दी जा रही है।
कार्यकर्ताओं ने दिए इन नेताओं के उदाहरण उन्होंने कहा कि पार्टी के फैसलों से वर्करों में मायूसी है। पैराशूट उम्मीदवार बार-बार हलका छोड़ कर भाग रहे हैं। वे जाते समय कई वर्करों को भी दूसरी पार्टी में ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरबजीत सिंह मक्कड़ पार्टी के वफादार रहे हैं। वे मुश्किल समय में भी पार्टी को छोड़ कर नहीं गए। हमेशा साथ खड़े रहे। पार्टी पांच साल तक मक्कड़ को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें उसे दरकिनार कर रही है।
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