वायरस को जानबूझकर हथियार बनाना गंभीर
दरअसल, पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर पुणे डायलॉग 2021 में आपदाओं और महामारी के युग में राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों पर बोलते हुए डोभाल ने कोरोना और जलवायु परिवर्तन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना और जलवायु परिवर्तन का सबसे स्थायी संदेश यह है कि केवल सभी की भलाई ही सभी के अस्तित्व को सुनिश्चित करेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि खतरनाक वायरस को जानबूझकर हथियार बनाना गंभीर बात है।
NSA ने कहा कि आपदाओं और महामारियों का खतरा किसी सीमा तक सीमित नहीं है और इनका अकेले मुकाबला भी नहीं किया जा सकता। इसके लिए पूरी दुनिया को एक साथ आना पड़ेगा। अब भारत सहित सभी देशों को ऐसी रणनीति बनाने की जरूरत है जो हमारे मकसद को पूरा करे और हमारा नुकसान कम से कम हो। अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
इस दौरान अजीत डोभाल ने जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों और लक्ष्यों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 130 करोड़ आबादी के साथ भारत का प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस उत्सर्जन 2.47 टन कार्बन डाइऑक्साइड है। वहीं वैश्विक औसत 6.45 टन CO2 की तुलना में, यह वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है। वहीं भारत ने इसे कम करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।