लखीसराय में युवाओं ने विक्रमशिला एक्सप्रेस को रोक दिया और ट्रेन में तोड़फोड़ की। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) से चलकर भागलपुर जाने वाली विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन में आग लगा दी। ट्रेन की कई बोगियां धू-धू कर जलने लगीं। वहीं समस्तीपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने 2 यात्री ट्रेनों में आग लगा दी। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने मोहिउद्दीन नगर रेलवे स्टेशन पर जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन की कई बोगियों में आग लगा दी। तो दूसरी धरमपुर के पास बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन में भी आग लगा दी गई।
सुबह-सुबह प्रदर्शनकारी बलिया रेलवे स्टेशन पहुंच गए और गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। आरा जिले के बिहिया रेलवे स्टेशन पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना मिली है। वहीं तोड़फोड़ के आरोपप में पुलिस ने 16 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। वहीं करीब 650 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बेगूसराय के लखमिनियां, वैशाली, नालंदा, मुंगेर आदि जिलों में युवाओं और छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इससे ट्रेन सेवा के साथ ही सड़क मार्ग भी बाधित हो गया है।
हिंसक प्रदर्शन के कारण रेलवे ने अब तक 38 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है और 11 अन्य को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है, विरोध के कारण 72 अन्य ट्रेनें देरी से चल रही हैं। इसमें पांच मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें और 29 से अधिक यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं। बता दें कि गुरुवार को भी अग्निपथ योजना के विरोध में कई राज्यों के युवाओं में उबाल देखने को मिला था। कई जगह आगजनी हुई थी, रेल और सड़क मार्ग को रोका गया था। छपरा में ही 3 ट्रेनों को फूंक दिया गया, तो वहीं कैमूर में भी पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी गई थी।
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गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निवीरों के लिए अग्निपथ योजना की 14 जून को घोषणा की गई थी। सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है। जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। चार साल पूरे होने पर उनमें से 25 फीसदी को पूर्णकालिक सैन्य सेवा में ले लिया जाएगा, जबकि बाकी 75 फीसदी रिटायर मान लिए जाएंगे। योजना के तहत रिटायर्ड ऑफिसर को पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। सरकार की इस योजना से नाराज छात्रों का कहाना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी। उनका कहना है की चार साल पूरा होने के बाद हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है। बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का ख्वाब सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख नौजवान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि 4 साल की नौकरी के बाद हम कहां जाएंगे? 4 साल की सर्विस के बाद हम बेघर हो जाएंगे।
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