दिल्ली के एडवोकेट विशाल तिवारी ने अदालत में केंद्र की अग्निपथ’ योजना के विरोध में जारी हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की है। कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि इस कमेटी का चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को बनाया जाना चाहिए। कमेटी की ओर से यह समीक्षा होनी चाहिए कि यह भर्ती स्कीम सेना और देश की सुरक्षा पर क्या असर डालेगी। इसके बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए।
याचिका में कहा गया है, इसकी शुरूआत के बाद से, देश गंभीर और अनियंत्रित सामूहिक हिंसा और योजना के खिलाफ विरोध का सामना कर रहा है। इस योजना के माध्यम से जो चिंता उठती है वह मुख्य रूप से सेवा की अवधि जो कि 4 साल है, जो उचित नहीं है और इसमें कोई पेंशन लाभ भी नहीं है।
साथ यीचिका में कहा गया है कि आर्म्ड फोर्सेस में भर्ती के लिए आई योजना अग्निपथ के विरोध में देशभर में जो प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान जो सरकारी जैसे रेलवे आदि की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है उसकी जांच होनी चाहिए। जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में मंगलवार को युवाओं के लिए ‘अग्निपथ’ योजना लॉन्च की है, जिसके तहत 4 साल के लिए थल सेना, नौसेना और वायुसेना में जवानों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के लॉन्च होने के बाद से ही पूरे देश के युवाओं में गुस्सा फैल गया है। अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। सरकारी संपत्तियों, रेलवे स्टेशनों और रेलवे की अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।