न्यूयॉर्क. वैज्ञानिकों ने एआइ-रोबोट से सर्जरी कराने में कामयाबी हासिल की है। अमरीका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (जेएचयू) में एक रोबोट ने खुद जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया। जेएचयू के शोधकर्ताओं ने एआइ-रोबोट को जटिल मेडिकल प्रोसीजर की ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग के दौरान उसे डॉक्टरों के कई वीडियो दिखाए गए। रोबोट ने डॉक्टरों की तरह बेहद सटीक तरीके से सर्जरी कर दिखाई। शोधकर्ताओं ने इसे ‘इमीटेशन लर्निंग’ (देखकर सीखना) का कामयाब प्रयोग करार दिया।शोधकर्ताओं का कहना है कि अब रोबोट को सर्जरी के हर कदम के लिए प्रोग्राम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी रोबोटिक सर्जरी पूरी तरह ऑटोमेटिक हो सकेगी। भविष्य में इंसानी दखल के बगैर रोबोट खुद सर्जरी कर सकेंगे। जेएचयू के वैज्ञानिकों ने जर्मनी के म्यूनिख में हुई रोबोट लर्निंग कॉन्फ्रेंस में इस उपलब्धि के बारे में बताया। शोधकर्ताओं ने अपने मॉडल में चैटजीपीटी को भी शामिल किया, जो रोबोट को गणितीय सूत्रों के जरिए मेडिकल की भाषा सिखाता है। प्रशिक्षण और निपुणता के संदर्भ में यह उपलब्धि रोबोटिक क्षमताओं की उन्नति को सामने लाती है।
रियल टाइम में सर्जन के हाथों की नकल शोधकर्ताओं ने अपने मॉडल को ‘दा विंची सर्जिकल सिस्टम’ नाम दिया है। यह ऐसा रोबोटिक सिस्टम है, जिसकी मदद से बिना चीरा लगाए या बेहद कम चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है। एआइ-रोबोट रियल टाइम में सर्जन के हाथों की नकल करता है। इसकी भुजाओं में कैमरा, लाइटिंग और विजन कार्ट लगा है, जो 3डी में हाई-डेफिनिशन विजुअल्स देता है। रोबोट की कई भुजाएं कंसोल से ऑपरेट की जाती हैं।
वो काम भी किए, जिनकी ट्रेनिंग नहीं दी ‘दा विंची सिस्टम’ के रोबोट ने कई डॉक्टरों के वीडियो देख-देखकर सुई से टांके लगाने और टिश्यू उठाने जैसे महत्त्वपूर्ण सर्जिकल काम सीख लिए। सर्जरी के दौरान डॉक्टर उस समय हैरान रह गए, जब एआइ-रोबोट ने कुछ ऐसे काम भी किए, जिनके वीडियो उसे नहीं दिखाए गए थे। इनमें गिरी हुई सुइयों को एकत्रित करना शामिल है।