इस बीच तालिबान के एक पूर्व कमांडर सैयद अकबर आगा ने कहा कि संघर्ष विराम के दो घटक हैं-पहला,अमरीका से शांति समझौता,संघर्ष विराम की घोषणा करना और दूसरा अफगानी और विदेशियों के संदर्भ में राष्ट्रव्यापी समझौता। उन्हें लगता है कि तालिबान पहले घटक पर राजी नहीं होगा।
काबुल में पाकिस्तान के राजदूत जाहिद नसरुल्ला खान के अनुसार उनके देश को उम्मीद है कि अफगान वार्ता के लिए अमरीका और तालिबान के बीच समझौता के बाद संघर्ष विराम हो जाएगा। अफगानिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कहा कि समावेशी शांतिवार्ता टीम के गठन के बारे में पक्षों के बीच चर्चा होने लगी है।
तालिबान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इस बीच कहा कि शांति का रास्ता अफगान प्रतिनिधियों से वार्ता है। टोलो ने अब्दुल्ला के हवाले से कहा, कि अफगानिस्तान में बहुमत की मांग शांति है। इस संबंध में हर अवसर का उपयोग होना चाहिए। इससे पहले अमरीकी शांति दूत जलमय खलीलजाद ने 19 दिसंबर को कहा कि अमरीका और तालिबान अफगान शांतिवार्ता में महत्वपूर्ण चरण में पहुंच रहे हैं।