बेंगलुरु महानगरपालिका और स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी साझा की है। बताया गया कि उन विदेशी यात्रियों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। बता दें कि बेंगलुरु में ही ओमिक्रॉन का भारत का पहला केस मिला था। ओमिक्रोन से संक्रमित शख्स भी दक्षिण अफ्रीका से लौटा था। वहीं अब इन विदेशी नागरिकों के लापता होने से स्वास्थ्य विभाग और राज्य के अधिकारी परेशान नजर आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर ये नए वेरिएंट से संक्रमित हुए तो इस वेरिएंट का प्रसार हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि इन सभी विदेशी नागरिकों की दक्षिण अफ्रीकी देशों से ट्रेवल हिस्ट्री मिली है। वहीं भारत पहुंचने के बाद से यह सभी लापता हैं। इनसे फोन द्वारा संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इन सभी के फोन भी स्विच ऑफ आ रहे हैं। इसके चलते इन्हें ट्रेस नहीं किया जा पा रहा है।
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गौरतलब है कि ओमिक्रॉन आने के बाद से दक्षिण अफ्रीका से अब तक बेंगलुरु में 57 यात्री आए हैं। प्रशासन इनमें से 10 का पता नहीं लगा पा रहे हैं। इन यात्रियों एयरपोर्ट पर जो पता दर्ज किया था, उस पर भी ये नहीं मिले हैं। बता दें कि नए वेरिएंट के चलते भारत ने विदेश से आने वाले यात्रियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। यात्रियों का एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट किया जाएगा, वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें घर में क्वारंटीन रहने के निर्देश दिए जाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि सिर्फ देशों में यात्रा प्रतिबंधों के जरिए दुनियाभर में कोविड-19 और ओमिक्रोन वेरिएंट के प्रसार को रोकना संभव नहीं, इसके लिए हमें व्यापक इंतजाम करने होंगे। WHO का कहना है कि जो लोग पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें इससे अधिक खतरा है। WHO ने सलाह दी कि 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी कॉमरेडिडिटी वाले लोगों को अपनी यात्राएं रद्द कर देनी चाहिए।