श्रीलंका सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए।
इधर, मुख्य विपक्ष समागी जन बालवेगया (एसजेबी) और उसके घटक दलों की बैठक में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा, श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रऊफ हकीम, तमिल प्रगतिशील गठबंधन के नेता मनो गणेशन और ऑल सीलोन मक्कल कांग्रेस के नेता शामिल होंगे। श्रीलंका सरकार के दो मंत्रियों हरिन फर्नांडो और मानुषा ननायाक्कारा ने भी इस्तीफा दे दिया है। पुलिस ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि देश में रसोई गैस का सुचारू वितरण सुनिश्चित किया जाए।
राष्ट्रपति का कोई अता-पता नहीं
प्रदर्शनकारियों के डर से राष्ट्रपति राजपक्षे शनिवार रात आर्मी हेडक्वार्टर में छिप गए थे। रविवार सुबह उन्होंने ठिकाना बदल दिया। वह कहां छिपे हैं, फिलहाल पता नहीं चल पाया है। प्रदर्शनकारी उन्हें हर जगह खोज रहे हैं।
इस्तीफे के लिए 13 जुलाई ही क्यों
राजपक्षे कट्टर बौद्ध हैं। वह मानते हैं कि 2019 के उन्हें सिंहली और बौद्धों ने ही वोट दिया था। उन्होंने 13 जुलाई (पूर्णिमा) पर इस्तीफा देने की घोषणा की है। बौद्ध धर्म में इस दिन का विशेष महत्त्व है। सिंहली मेें इसे पोया कहा जाता है। श्रीलंका में पोया पर सार्वजनिक अवकाश होता है।
शरणार्थी संबंधी समस्या नहीं
भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि हम श्रीलंका की हरसंभव मदद कर रहे हैं। वे लोग अपनी समस्याओं से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां शरणार्थियों से संबंधित कोई समस्या नहीं है। भारत ने श्रीलंका को 44,000 टन से अधिक यूरिया मुहैया कराया है।