दरअसल ये बाजार मध्यप्रदेश के नीमच जिले में लगता है, शहर के बीचों बीच सर्राफा बाजार है, यहां सदियों से परंपरा चली आ रही है, क्योंकि प्राचीन समय में लोगों को सब्जी मंडी तक जाने में दिक्कत नहीं हो, उन्हें आसानी से घरों के आसपास ही सब्जियां मिल जाए, इसलिए सर्राफा बाजार में ही सब्जियों की दुकानें लगती थी, तभी से आज तक से परंपरा चली आ रही है। इस कारण आज भी सर्राफा बाजार में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट के अवसर पर यहां हरी और ताजा सब्जियों की दुकानें लगती है, अच्छी बात तो यह है कि ये सब्जियां भी महंगी नहीं बल्कि आम दिनों तरह दाम पर ही मिलती है। इसलिए यहां सब्जियां खरीदने के लिए हर कोई पहुंचता है।
करीब 150 साल पुरानी परम्परा पर सूर्यग्रहण की वजह से ’ग्रहण’ लग गया। वर्षों से दीपावली के दूसरे दिन सब्जी मंडी मुख्य स्थान के बजाए सर्राफा में लगती आ रही थी। इस साल दीपावली के दूसरे दिन सूर्यग्रहण होने से परम्परा टूटी और तीसरे दिन बुधवार को सर्राफा में सब्जी मंडी लगी। वहीं गोवर्धन पूजा के बाद जिला मुख्यालय पर मवेशियों की सुंदरता प्रतियोगिता आयोजित की गई। साथ ही मवेशियों की दौड़ भी आयोजित की गई।
सूर्यग्रहण के चलते दिवाली के दूसरे दिन सर्राफा में लगने वाली सब्जी मंडी इस साल नहीं लगी। ग्रहण के चलते दिवाली के तीसरे दिन 26 अक्टूबर को सब्जी मंडी सर्राफा में लगी। इसी दिन गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का आयोजन भी हुआ। इस बार ग्रहण का असर शाम तक बना रहने के कारण मंदिरों में होने वाले अन्नकूट के आयोजन दिवाली के दूसरे दिन नहीं होते हुए दिवाली के तीसरे दिन आयोजित किए गए।
यह भी पढ़ें : इंदौर से 55 किमी दूर 2 सेनाओं के बीच हुआ युद्ध, जमकर चले बारूद से भरे गोले
सूर्यग्रहण को लेकर फुटकर सब्जी व्यापारियों ने भी वर्षों से चली आ रही परम्परा को परिवर्तित करने का निर्णय दिपावली के दो दिन पहले ही ले लिया था। इस निर्णय अनुसार सर्राफा में सब्जी मंडी दिवाली के तीसरे दिन लगी। वर्षों से तिलक मार्ग (घंटाघर) स्थित मुख्य सर्राफा बाजार में परम्परा का निर्वहन होता आ रहा है। इसके लिए सर्राफा व अन्य व्यापारी संघ सब्जी मंडी लगाने के लिए तैयार रहते हैं। साथ ही सहयोग प्रदान करते हैं।